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कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में शुक्रवार को गोयल पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले देश के आठ वैज्ञानिकों को गोयल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मुख्यातिथि के तौर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन प्रो. एम जगदेश कुमार रहे, जिन्होंने चार वैज्ञानिकों को गोयल पुरस्कार एवं चार वैज्ञानिकों को राजीब गोयल यंग साइंटिस्ट अवार्ड देकर सम्मानित किया। पुरस्कार राशि के साथ-साथ वैज्ञानिकों को मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मुख्यातिथि प्रो. एम जगदेश कुमार ने कहा कि युवा वैज्ञानिक नव तकनीकों से सामाजिक समस्याओं का समाधान करें। देश के विकास के लिए नवाचार को बढ़ावा देना बहुत आवश्यक है। स्टार्टअप के क्षेत्र में भारत ने विश्व में नई पहचान बनाई है। विश्व में भारत की 10 बड़ी कंपनियों को भारतीय लोग चला रहे हैं। भारत की शिक्षण व्यवस्था सबसे बड़ी है, जिसमें सुधार की आवश्यकता है। हम प्राइमरी से उच्च शिक्षा स्तर की व्यवस्था में सुधार कर शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर सकते हैं। इसके लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों को एक साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। 2050 तक दुनिया की आबादी 10 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे स्वच्छ पर्यावरण और स्वास्थ्य सुविधाएं तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आदि चुनौतियां भी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध को बढ़ावा देने के लिए पेटेंट दर्ज करने के लिए इको सिस्टम विकसित किया गया है। अभी तक 60 से ज्यादा पेटेंट दर्ज किए हैं, जिसमें 30 प्रकाशित किए जा चुके हैं। प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि गोयल पुरस्कार अमेरिका में रह रहे एक अप्रवासी भारतीय स्वर्गीय रामस्वरूप गोयल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से शुरू किया गया था। समारोह में कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, पदमश्री एवं भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष प्रो. राघवेंद्र तंवर, प्रो. संजीव अरोड़ा, डॉ. संगीता सैनी, गोयल परिवार के सदस्य विजय पाल मधान, प्रो. एनके माटा, लोक संपर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया सहित अन्य शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
अलग-अलग क्षेत्र में ये वैज्ञानिक हुए सम्मानित
समारोह में एप्लाइड साइंस के क्षेत्र में योगदान के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली के प्रो. भीम सिंह, केमिकल साइंस के क्षेत्र में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के प्रो. शांतनु भट्टाचार्य, लाइफ साइंस के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु के प्रो. वी नागराजा व फिजिकल साइंस के क्षेत्र में योगदान के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरू के वैज्ञानिक प्रो. एसके सतीश को गोयल अवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं 45 वर्ष से कम उम्र के चार युवा वैज्ञानिकों को राजीब गोयल अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसमें एप्लाइड साइंस में योगदान के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरू के प्रो. सप्तऋषि बसु, कैमिकल साइंस के लिए जवाहर लाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च बेंगलुरु के प्रो. सेबेस्टियन सी पीटर, लाइफ साइंस के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाॅजी, कानपुर से प्रो. बुशरा अतीक व फिजिकल साइंस के क्षेत्र में योगदान के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स भुवनेश्वर से प्रो. संजीब कुमार अग्रवाल को सम्मानित किया गया।
कुवि ने वैज्ञानिक शोध के लिए 100 एकड़ जमीन की ऑफर
समारोह में कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विज्ञान के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा 100 एकड़ जमीन मुहैया करवाने का ऑफर दिया है। उन्होंने कहा कि शोध एवं अनुसंधान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्राथमिकता एवं विशिष्ट पहचान है। रूसा-2.0 में मिले 100 करोड़ रुपये के अनुदान से विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए पांच नए रिसर्च सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत पांच नए रिसर्च सेंटर एक ही भवन में स्थापित होंगे, जिनमें सेंटर ऑफ एडवांस मैटीरियल साइंस रिसर्च, सेंटर फॉर आईटी एंड आटोमेशन, सेंटर फाॅर एप्लाइड बॉयोलॉजी इन एनवायरमेंट साईंसिज, सेंटर फाॅर एडवांस रिसर्च इन अर्थ क्वेक स्टडीज और सेंटर फाॅर एक्सीलेंस फाॅर रिसर्च ऑन सरस्वती सम्मिलित हैं।
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Kurukshetra News: उत्कृष्ट नवाचार करने वाले आठ वैज्ञानिकों को मिला कुवि का गोयल पुरस्कार