Kuldeep Bishnoi: चार अगस्त को भाजपा का दामन थाम सकते हैं कुलदीप बिश्नोई, ट्वीट कर दिए संकेत


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कांग्रेस के बागी विधायक कुलदीप बिश्नोई चार अगस्त को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने ट्वीट कर इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि घायल तो यहां हर परिंदा है, मगर जो फिर से उड़ सका वहीं जिंदा है…

राज्यसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने की थी क्रॉस वोटिंग 

आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई को राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के बाद कांग्रेस द्वारा सभी पार्टी पदों से हटा दिया गया था। इससे पहले, जब कांग्रेस ने चौधरी उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाया तो इससे बिश्नोई नाराज हो गए थे। क्योंकि उनको उम्मीद थी कि कमान उनको सौंपी जाएगी। इसके अलावा, संगठन में कहीं पर भी कुलदीप को जगह नहीं दी गई और न ही राहुल गांधी ने उनको मिलने का समय दिया था। फिलहाल बिश्नोई ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है, अगर वह इस्तीफा देते हैं तो उपचुनाव होना है।

दरअसल, कुलदीप बिश्नोई अपने और बेटे भव्य बिश्नोई के राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने की जुगत में हैं। बिश्नोई खुद के लिए हिसार से सांसद की टिकट चाहते हैं और बेटे के लिए आदमपुर से। दोनों ही शर्तों को लेकर बिश्नोई ने 10 जुलाई को अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद बिश्नोई ने एक के बाद एक ट्वीट कर भाजपा नेताओं की तारीफ में कसीदे पढ़े थे लेकिन इसी बीच भाजपा नेता सोनाली फौगाट ने बिश्नोई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है कि वह किसी भी सूरत में आदमपुर हलका नहीं छोड़ेंगी। 

पिछली बार भाजपा की टिकट पर फौगाट बिश्नोई से हार गई थीं। दूसरा, चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बिजेंद्र सिंह हिसार से सांसद हैं। ऐसे में हिसार से टिकट को लेकर भी पेंच फंसा हुआ है इसलिए बिश्नोई भाजपा में शामिल होने से पहले पार्टी से अपनी सभी चीजें साफ करना चाहते हैं। बिश्नोई चाहते हैं कि वह जब पार्टी में शामिल होंगे तो सारी चीजें सार्वजनिक हों और उनके रास्ते से सभी रोड़े हट जाएं। 

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कांग्रेस के बागी विधायक कुलदीप बिश्नोई चार अगस्त को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने ट्वीट कर इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि घायल तो यहां हर परिंदा है, मगर जो फिर से उड़ सका वहीं जिंदा है…

राज्यसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने की थी क्रॉस वोटिंग 

आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई को राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के बाद कांग्रेस द्वारा सभी पार्टी पदों से हटा दिया गया था। इससे पहले, जब कांग्रेस ने चौधरी उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाया तो इससे बिश्नोई नाराज हो गए थे। क्योंकि उनको उम्मीद थी कि कमान उनको सौंपी जाएगी। इसके अलावा, संगठन में कहीं पर भी कुलदीप को जगह नहीं दी गई और न ही राहुल गांधी ने उनको मिलने का समय दिया था। फिलहाल बिश्नोई ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है, अगर वह इस्तीफा देते हैं तो उपचुनाव होना है।

दरअसल, कुलदीप बिश्नोई अपने और बेटे भव्य बिश्नोई के राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने की जुगत में हैं। बिश्नोई खुद के लिए हिसार से सांसद की टिकट चाहते हैं और बेटे के लिए आदमपुर से। दोनों ही शर्तों को लेकर बिश्नोई ने 10 जुलाई को अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद बिश्नोई ने एक के बाद एक ट्वीट कर भाजपा नेताओं की तारीफ में कसीदे पढ़े थे लेकिन इसी बीच भाजपा नेता सोनाली फौगाट ने बिश्नोई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है कि वह किसी भी सूरत में आदमपुर हलका नहीं छोड़ेंगी। 

पिछली बार भाजपा की टिकट पर फौगाट बिश्नोई से हार गई थीं। दूसरा, चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बिजेंद्र सिंह हिसार से सांसद हैं। ऐसे में हिसार से टिकट को लेकर भी पेंच फंसा हुआ है इसलिए बिश्नोई भाजपा में शामिल होने से पहले पार्टी से अपनी सभी चीजें साफ करना चाहते हैं। बिश्नोई चाहते हैं कि वह जब पार्टी में शामिल होंगे तो सारी चीजें सार्वजनिक हों और उनके रास्ते से सभी रोड़े हट जाएं। 

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