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– 15 अगस्त तक नहीं होंगे तहसील, सरल केंद्रों के अलावा कई सरकारी कार्यालयों के काम, सरकार का राजस्व रुकेगा, जनता की परेशानी बढ़ेगी
माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। अपनी मांगों के समर्थन में सरकारी विभागों के लिपिक हड़ताल पर चले गए हैं। तीन दिन की हड़ताल के एलान से 15 अगस्त तक लोगों के सरकारी कार्य बाधित रहेंगे। सोमवार को हड़ताल के कारण रजिस्ट्री, आरसी-डीएल और प्रमाणपत्र बनाने संबंधित कई कार्य नहीं हो पाए। ऐसे में लोगों को लौटना पड़ा। हड़ताल के कारण विभिन्न कार्यों से सरकार का भी करीब एक करोड़ रुपये का राजस्व रुका।
इधर, लिपिकों का कहना है कि सरकार ने सुनवाई नहीं की तो हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया जाएगा। ऐसे में लोगों की समस्या और बढ़ सकती है। कॉलेजों में दाखिले आदि चल रहे हैं। जहां कई तरह के प्रमाणपत्रों की आवश्यकता रहती है।
क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के अनुसार, एसोसिएशन ने 15 से 22 जुलाई तक करनाल में प्रदेश स्तरीय धरना देकर अपनी आवाज बुलंद की थी। इसके बाद चंडीगढ़ में लिपिकों के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया गया। खेद की बात रही कि वार्ता के लिए बुलाने के बावजूद कोई बातचीत नहीं की गई। इससे लिपिकों में रोष बढ़ता गया। अब सोमवार से पूरे हरियाणा में हड़ताल शुरू कर दी गई।
मुख्य मांग पर भी ध्यान नहीं दे रही सरकार
करनाल में लिपिक जिला सचिवालय के सामने धरने पर बैठ गए। धरने की अध्यक्षता एसोसिएशन के करनाल जिला प्रधान प्रदीप प्रजापति ने की। शाम को धरना स्थल पर पहुंचे राज्य प्रधान बलजीत जूण, राज्य महासचिव सतीश ढाका व उपप्रधान अनिल ग्रेवाल ने कहा कि सरकार से बातचीत व समझौता हुआ, लेकिन सरकार द्वारा उनकी 35400 वेतनमान सहित अन्य मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। इसके चलते उनका सब्र अब जवाब दे गया है तथा लिपिक वर्गीय कर्मचारियों ने प्रदेशव्यापी हड़ताल करने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 35400 वेतनमान देने की बात कही थी, मगर नहीं दिया। उसी समय मौजूदा भाजपा सरकार ने भी वेतन विसंगति दूर करने की बात कही थी, मगर भाजपा अपने वादे से मुकर गई। इसके चलते लिपिक वर्गीय कर्मचारियों में रोष है।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
जिला प्रधान प्रदीप प्रजापति ने कहा कि सरकार की तरफ से पांच अगस्त तक मांगें माने जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस बार भी सरकार ने कोई ठोस फैसला नहीं लिया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि कर्मचारी विरोधी भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने का काम भी लिपिक करेंगे। इस अवसर पर उपप्रधान प्रदीप शर्मा, जिला खजांची अक्षय पाल, वरिष्ठ उपप्रधान अशोक कुमार, कानूनी सलाहकार तेज प्रकाश व वरिष्ठ ऑडिटर परमजीत सिंह ने धरने पर बैठे लिपिकों को संबोधित किया।
ये कार्य रहे प्रभावित
करनाल सरल केंद्र में 500 के करीब जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, रिहायशी प्रमाणपत्र, विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र और जन्म प्रमाणपत्र। ई-दिशा केंद्र करनाल व अन्य उपमंडल पर करीब 250 डीएल और 200 आरसी की फाइलें जमा नहीं हुई। जबकि सभी तहसील और उपतहसीलों में 300 के करीब रजिस्ट्री प्रभावित रहीं।
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Karnal News: हड़ताल पर बाबू, रजिस्ट्री, आरसी-डीएल और प्रमाणपत्र अटके