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Karnal News: स्वच्छ सर्वेक्षण में जगह बनाने के लिए नागरिकों की भागीदारी जरूरी Latest Haryana News

Karnal News: स्वच्छ सर्वेक्षण में जगह बनाने के लिए नागरिकों की भागीदारी जरूरी Latest Haryana News

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करनाल। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में बेहतर प्रदर्शन के लिए शहरी स्थानीय निकायों ने कमर कस ली है। इस बार टॉप आने के लिए नागरिक भागीदारी को भी लिया गया है। सर्वेक्षण के कुल 9500 अंकों में से 5705 अंक केवल सेवा स्तर प्रगति के रखे गए हैं। ऐसे में अधिकारियों को समस्याओं का निराकरण करते हुए जनभागीदारी को बढ़ाना होगा। इस बार के सर्वेक्षण की थीम आवास और शहरी मामले मंत्रालय ने आरआरआर (रिड्यूज, रीयूज, रिसाइकल) को चुना है।

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जानकारी के अनुसार स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के लिए शहरी स्थानीय निकाय के संवेदीकरण के लिए नगर निगम की ओर से शुक्रवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में करनाल कलस्टर (करनाल, कुरुक्षेत्र व कैथल) की 18 निकायों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया। ये कार्यक्रम जीरो वेस्ट पर आधारित रहा। इस दौरान पीने के पानी के लिए भी कांच की बोतल और स्मृति चिह्न के रूप में जूट के बैग आदि दिए गए। कार्यक्रम में निगम आयुक्त नीरज कादियान ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा सर्वेक्षण बन गया है, जिसमें 2024 में देश की 4800 से अधिक यूएलबी भाग ले रही हैं। यह एक बहुत ही प्रतिष्ठित सर्वेक्षण है, जो हमारे शहरों के लिए एक स्वच्छ, स्वस्थ और अधिक टिकाऊ भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। स्वच्छ सर्वेक्षण, स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना, शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना तथा शहरी क्षेत्रों की सफाई और स्वच्छता में मापनीय सुधार लाना है। उन्होंने उपस्थित सभी को समर्पण, टीमवर्क और अभिनव कदमों के साथ काम करने को कहा। इस अवसर पर अतिरिक्त निगम आयुक्त धीरज कुमार मौजूद रहे। ब्यूरो

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गतिविधियां पोर्टल पर डालने से मिलेंगे अंक

कार्यक्रम में मिशन के लिए हायर की गई परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) टीम के विशेषज्ञों ने पीपीटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया। सर्वेक्षण के प्रत्येक घटक की जानकारी दी और बताया कि किस घटक में क्या-क्या कार्य करके हम अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। सर्वेक्षण के लिए कुल 9500 अंकों में प्रमाणन के लिए 2500 और जन अंदोलन के लिए 1295 अंक रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक यूएलबी स्वच्छ सर्वेक्षण की हर गतिविधि को स्वच्छ पोर्टल पर अपलोड अवश्य करें, तभी उसके अंक मिलेंगे। टीम के एक एक्सपर्ट ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन निगरानी पोर्टल की भी जानकारी दी।

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इस गतिविधि में ये करना होगा

– सेवा स्तर प्रगति : इसमें डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण, स्त्रोत पृथ्ककरण, सूखे व गीले कचरे का प्रसंस्करण, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, स्वच्छ हरियाणा एप व स्वच्छ सिटी एप पर आई शिकायतों का समय पर निवारण, एकल प्रयोग प्लास्टिक पूर्णत: बैन, सामुदायिक व जन शौचालयों का उचित रख-रखाव, आरआरआर केन्द्र, आत्मनिर्भर वार्ड, जीरो वेस्ट ईवेंट, एमआरएफ सेंटर, सीएंडडी वेस्ट प्रबंधन, आरडीएफ, इन्अर्ट, सेनीटरी लैंडफिल, लिचेट ट्रीटमेंट टैंक, कम्पोस्टिंग, पिट कम्पोस्टिंग, स्वच्छता, प्रयुक्त जल प्रबंधन तथा सफाई मित्र सुरक्षा जैसे विभिन्न घटक शामिल हैं।

– प्रमाणन : इसमें जीएफसी (गारबेज फ्री सिटी) स्टार रेटिंग, ओडीएफ, ओडीएफ-प्लस, ओडीएफ-प्लस प्लस व वाटर प्लस शामिल है।

– जन आंदोलन : इसमें सफाई अपनाओ-बीमारी भगाओ व स्वच्छता ही सेवा जैसे अभियान को जोर-शोर से चलाया जाना शामिल है। इसके अलावा अधिक से अधिक सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियां करानी होंगी।

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