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संवाद न्यूज एजेंसी
असंध। असंध में भी बेसहारा पशुओं की भरमार हैं। इससे स्थानीय वाशिंदों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नगरपालिका लोगों को सुविधाएं देने के नाम पर टैक्स तो वसूलती है लेकिन समस्याओं का निदान के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
इससे नगरपालिका प्रशासन के प्रति लोगों में रोष है। शहर की आबादी तकरीबन 35 हजार से भी ज्यादा है। यह आबादी नगर के 17 वार्डों में रह रही है। शहर की कोई भी ऐसी सड़क व गली नहीं है, जिसमें बेसहारा पशुओं की मौजूदगी न हो।
खासकर बरसात के मौसम में बेसहारा पशु मच्छरों से बचने के लिए शहर के मुख्य चौक सालवन, जींद चौक, गुरुनानक पुरा चौक व मुख्य मार्ग असंध करनाल, असंध सालवन व अन्य मार्गों पर इनका जमावड़ा दिन रात देखा जा सकता है। इसके कारण आए दिन शहर में सड़कों पर जाम लगा रहता है। रात के समय जब स्ट्रीट लाइट बंद हो जाती है या बिजली गुल हो जाती है, तब कई बेसहारा पशुओं का रंग काला होने के कारण अंधेरे में नजर नहीं आते और दुपहिया वाहन चालक टकराकर चोटिल हो जाते हैं। कई बार तो ये पशु राहगीरों पर हमला कर उन्हें चोटिल भी कर चुके हैं। दूसरी ओर इनके कारण बस्तियों की गलियों की सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं हो पाती है। बेसहारा पशु घरों से सामने बैठ जाते हैं जिस कारण आने जाने वालों को रास्ता नहीं मिल पाता है। वहीं सुबह मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं और स्कूली बच्चों का गुजरना दूभर हो जाता है। इसके इनके गोबर के लगे ढेर के कारण गंदगी फैल जाती है। इनके मच्छरों व मक्खियों की भरमार रहती है। इससे बीमारियों के फैलने की आशंका बनी रहती है।
एक और गोशाला का करा रहे निर्माण
नगर की श्रीकृष्ण गोशाला के प्रधान विजय गोयल कहते हैं कि उनकी गोशाला में 1100 गोवंश रखने की क्षमता है। फिर भी वे 1600 गायों को रख रहे हैं। कमेटी एक और गोशाला का निर्माण करवा रही है। जिसका निर्माण कार्य पूरा होने पर 1500 और गायों को रखने की सुविधा हो जाएगी।
आचार संहिता के बाद नपा बनाएगी शेड
नगरपालिका असंध के सचिव प्रदीप कुमार ने बताया कि बेसहारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए नगरपालिका ने तीन कर्मचारी वेतन पर रखे हुए हैं। जब ये कर्मी इन पशुओं को असंध व आसपास की गोशालाओं में छोड़ने जाते हैं तो इन्हें लेने से इनकार कर देते हैं। अब नगरपालिका ने योजना बनाई है कि भविष्य शेड बनाएंगे। अभी चुनाव आचार संहिता के कारण ये योजना लागू नहीं हो सकी। आचार संहिता समाप्त होने पर शेड बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
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Karnal News: सड़कों पर बेसहारा पशुओं का डेरा