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कथा में पहुंचे श्रद्धालु।
अंबाला सिटी। अंबाला सिटी के जट्टां वाला शिव मंदिर में चल रही शिवमहापुराण कथा के दौरान कथा वाचक पंडित राकेश शर्मा ने भिक्षुवर्य शिव अवतार का वर्णन किया। विदर्भ नगर में एक सत्य रथ नाम का राजा था, जिसने शिव-धर्म सेवन करते हुए अपना बहुत-सा समय व्यतीत किया । एक समय उसके नगर पर बहुत से शत्रुओं ने मिल कर आक्रमण किया, जिसमें सत्यरथ ने उन सबसे बड़ा युद्ध किया। परंतु विजयी न हुआ और शत्रुओं ने उसकी जंघा तोड़ कर उसे मार डाला। उसकी पटरानी गर्भवती थी।
जब उसने देखा कि शत्रुओं ने उसे घेर लिया है, तो वह लुक-छिप कर नगर से बाहर चली गयी और शिवजी का स्मरण करते हुए बहुत दूर पूर्व दिशा में जाकर एक सरोवर के निकट एक सघन वटवृक्ष के नीचे आश्रम बना लिया। वहां उसे सर्वलक्षण सम्पन्न एक दिव्य बालक उत्पन्न हुआ। जब उस बालक की माता रानी सरोवर में जल पीने गयी, तो उसे घड़ियाल ने पकड़ लिया।
बालक भूख- प्यास से पीड़ित और माता-पिता से हीन दशा में बहुत रोने लगा। यह देख शिवजी को बहुत दया आई। उन्होंने एक भिखारिन ब्राह्मणी को उधर प्रेरित कर दिया। वह अपनी गोद में अपना एक छोटा-सा बालक लिए उधर आ निकली और उस माता-पिता से हीन रोते हुए बालक को देखा । भिक्षुणी को बड़ी दया आई। उसने उसे उठाकर पालन करना चाहा। परंतु अधिकार बिना उसका मन आगा-पीछा करने लगा। महेश्वर शिवजी स्वयं भिक्षुक का रूप धारण कर सहसा वहां जा पहुंचे और उस ब्राह्मणी से बोले- हे विप्रभामिनि अपने चित्त में संदेह और खेद न करो और इस पवित्र बालक को अपने पुत्र के ही समान जान कर इसका पालन करो ।
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Karnal News: शिवमहापुराण कथा में भिक्षुवर्य अवतार का वर्णन किया