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माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। शहर की करीब पौने दो लाख संपत्तियों की प्रॉपर्टी आईडी में से करीब सवा लाख पर सेंधमारी का खतरा बना हुआ है। चूंकि ये आईडी अभी तक स्व-प्रमाणित नहीं कराई जा सकी हैं।
जिसकी वजह से इन आईडी और इनके डाटा के साथ कभी भी छेड़छाड़ की जा सकती है। इसके बचाव का एकमात्र विकल्प केवल संपत्ति कर आईडी का स्वयं सत्यापन करवाना ही शेष है। जिससे संपत्तिकर आईडी स्वत: लॉक हो जाएगी। इस लॉक यानी ताले को खोलने की चाभी आपके मोबाइल नंबर में होगी। रजिस्टर्ड मोबाइल पर आने वाला ओटीपी से ही इस लॉक को खोला जा सकेगा।
गौरतलब है कि नगर निगम अब तक अपने क्षेत्र से करीब 33.8 प्रतिशत संपत्तियों का ही सत्यापन करा पाया है। निगम क्षेत्र में फिलहाल 168502 संपत्तियों की आईडी में से अब तक 57047 संपत्तियां को ही स्व-प्रमाणित हुई हैं। यानी बाकी संपत्तियों की जानकारी पोर्टल पर खुली हुई है।
इन्हें कोई भी देख कर जानकारी ले सकता है। वहीं, कई बार भरे हुए कर, विकास शुल्क की नई या पुरानी आईडी को चुरा कर किसी दूसरी आईडी पर लगा लिया जाता है। इसकी वजह से सही संपत्ति कर आईडी गलत लिंक और डी-लिंक हो सकती है। जो सबसे बड़ा खतरा है।
गलत जानकारी को सही करवाने का भी मौका ः रिकाॅर्ड सही होने के साथ शहर के लोगों के पास भी अपनी संपत्तियों की गलत जानकारी सही करवाने का मौका है। अगर किसी के संपत्ति में नाम, पता, एरिया, श्रेणी, मोबाइल नंबर, विकास शुल्क या कर गलत लगा हुआ है तो वे निगम कार्यालय के हेल्पडेस्क आकर निशुल्क इस पर ऑनलाइन अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। जिसके बाद निगम इन त्रुटियों को सही करवाने का काम करेगा।
निगम अधिकारियों का कहना है कि संपत्तिकर आईडी सत्यापन के कई फायदे हैं। इससे संपत्ति मालिक के साथ निगम के पास भी संपत्ति का रिकॉर्ड सही होगा और संपत्ति कर आईडी लॉक भी हो जाएगी। जिससे कोई छेड़खानी नहीं कर पाएगा।
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Karnal News: शहर की 1.11 लाख प्रॉपर्टी
आईडी पर सेंधमारी का डर