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– 22 कॉलोनियों को जोड़ती दो किमी. परिधि में खतरनाक हुई सड़क, दो वर्ष में दोगुने हुए हादसे
– अगस्त तक हुए 12 हादसों में तीन की मौत, 13 गंभीर और 20 को आई चोटें
गगन तलवार
करनाल। राजमार्ग और जिले की बड़ी सड़कों के अलावा कॉलोनियों की मुख्य एवं छोटी सड़कों पर भी हादसे बढ़ने लगे हैं। छोटा शहर माने जाने वाले लाइनपार क्षेत्र में रामनगर और प्रेमनगर की मुख्य सड़क अब जानलेवा बनती जा रही है। विशेषज्ञ चौराहों पर यातायात अव्यवस्था, तेज रफ्तार, अतिक्रमण और बेसहारा पशुओं को हादसे की वजह मान रहे हैं।
आईआरएडी (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस) की रिपोर्ट के अनुसार, 22 कॉलोनियों को जोड़ती क्षेत्र की दो किलोमीटर की परिधि में दो साल में हादसे दो गुना से ऊपर हो चुके हैं। वहीं जितने हादसे 2023 में हुए थे, इस साल लापरवाही बढ़ने से उतने हादसे अगस्त माह तक हो चुके हैं, अभी एक तिमाही शेष है। यदि प्रशासन के सुरक्षा इंतजाम व स्थानीय लोग यातायात नियमों के प्रति जागरूक नहीं हुए तो यह आंकड़ा 2022 के मुकाबले तीन गुना तक भी पहुंच सकता है।
रामनगर और प्रेमनगर के चौराहों पर इस वर्ष अब तक हुए 12 सड़क हादसों में तीन लोगों की जान गई। 13 लोग गंभीर रूप से घायल होने के बाद दिव्यांग की स्थिति में आए हैं तो वहीं 20 लोगों को हल्की चोटें आने से उन्हें कई दिन बिस्तर पर भी बिताने पड़े। इसके अलावा वाहन व अन्य संपत्ति का भी नुकसान हुआ।
आंकड़ों पर नजर डालें तो 2022 में महज छह सड़क हादसे हुए थे। जो 2023 में बढ़कर 13 तक पहुंच गए। इस वर्ष 12 हादसे हो चुके हैं। आईआरएडी प्रबंधक स्वाति गुप्ता के अनुसार, जनवरी से मार्च की तिमाही सबसे ज्यादा खतरनाक है, 2023 में छह और 2024 में पांच सड़क हादसे इसी तिमाही में हुए।
क्षेत्र से गुजरते दोनों राजमार्गों पर राहत
लाइनपार क्षेत्र से कैथल मार्ग और काछवा मार्ग सहित दो राजमार्ग स्टेट हाईवे-9 व राष्ट्रीय राजमार्ग-709ए व पश्चिमी बाईपास भी गुजरता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि इन राजमार्गों पर हादसे कम हुए हैं। लाइनपार क्षेत्र की 22 कॉलोनियों और राजमार्ग कुल तीन थाना क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं। तीन वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, रामनगर थाना क्षेत्र में ही 27 मामले सामने आए।
इस थाना क्षेत्र में इतने मामले
थाना क्षेत्र
मामले
रामनगर
27
शहर
02
सिविल लाइन
02
पहली तिमाही सबसे ज्यादा खतरनाक
तीमाही
2022
2023
2024
जनवरी से मार्च
0
06
05
अप्रैल से जून
02
02
05
जुलाई से सितंबर
02
02
02
अक्तूबर से दिसंबर
02
03
0
हादसों में 36.1 फीसदी लोग हुए गंभीर रूप से घायल
स्थिति
लोग
प्रतिशत
मौत
03
08.3
गंभीर
13
36.1
घायल
20
55.6
वर्जन
लाइनपार क्षेत्र में सुधार की जरूरत है। लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। अन्यथा लापरवाही बढ़ने से जोखिम भी स्थानीय लोगों को ही उठाना पड़ रहा है। लोग यातायात नियमों का पालन करें। लापरवाही पर पुलिस भी सख्ती बरते।
– यश जालुका, एडीसी
वाहन चालकों की लापरवाही के अलावा क्षेत्र की अव्यवस्था, यातायात नियमों की अवहेलना, चौराहों पर अतिक्रमण भी हादसों की वजह है। 2022 के मुकाबले इस वर्ष दो गुना तक हादसे हो चुके हैं। इन्हें रोकना जरूरी है।
– स्वाति गुप्ता, जिला प्रबंधक, आईआरएडी
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Karnal News: लाइनपार क्षेत्र में मुख्य सड़क जानलेवा