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माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। तरावड़ी एक राइस मिल संचालक ने पिछले साल कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) के तहत धान लेने के बाद 9.94 करोड़ रुपये का चावल की भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को नहीं लौटाया। चावल की हेराफेरी के आरोप में भारतीय खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने राइस मिल संचालक, उसके पार्टनर और गारंटर सहित चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
खाद्य एवं आपूर्ति निरीक्षक तरावड़ी राजीव कुमार तरावड़ी थाना पुलिस को दी शिकायत में कहा कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग करनाल की ओर से वर्ष 2023-24 धान सत्र के दौरान कुल 4196 मीट्रिक टन धान (पैडी ) मिलिंग के लिए राइस मिल वीवी इंडस्ट्रीज तरावड़ी को दिया था इस दौरान जो अनुबंध हुआ था, उसके तहत दिए गए धान का 67 प्रतिशत के हिसाब से कुल 2793.23 मीट्रिक टन चावल मिलिंग करके सरकार को वापस करना था।
अनुबंध के अनुसार राइस मिल ने चावल वापस नहीं किए। नोटिस भी दिए गए लेकिन चावल एफसीआई को नहीं लौटाए। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने 13 सितंबर 2024 को वीवी इंडस्ट्रीज तरावड़ी का भौतिक निरीक्षण किया तो मिल में न तो धान मिला और न ही चावल। राइस मिल ने भारतीय खाद्य निगम को 345 मीट्रिक टन चावल ही आपूर्ति की है, जबकि कुल 2448.23 मीट्रिक टन चावल राइस मिलर पर बकाया है।
बकाया चावल के बारे में पूछा गया तो आरोपियों ने कोई जवाब नहीं दिया। इस प्रकार से वीवी इंडस्ट्रीज के मालिक ने अन्य पार्टनर व गारंटरों के साथ मिलकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के चावल को खुर्दबुर्द किया है। इससे विभाग को कुल नौ करोड़ 94 लाख 80 हजार 164 रुपये का नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने वीवी इंडस्ट्रीज मालिक तरावड़ी निवासी अंकुश गर्ग, उसके भाई विशाल गर्ग, पार्टनर ऋषि देव, गारंटर बिक्रम कुमार के पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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Karnal News: राइस मिलर ने डकारा 9.94 करोड़ का चावल