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करनाल। जिले में रविवार को खरीद बंद होने के बाद अनाज मंडियां फुल हैं। सोमवार को खरीद शुरू हुई तो करनाल, घरौंडा, निसिंग आदि कई अनाज मंडियों के साथ घंटों जाम की स्थिति बनी रही। सर्वाधिक स्थिति घरौंडा में खराब दिखी, यहां सुबह से ही हाईवे के सर्विस लेन पर दोपहर बाद तक जाम लगा रहा। जिससे यात्री बसें भी फंसी रही। जाम से लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। मंडियों की अंदर भी जाम के कारण लोगों को परेशानी हुई। वहीं राइस मिलरों के कम पहुंचने से भी आज भी कम दामों पर धान बिका।
करनाल अनाज मंडी में भी धान की खरीद रविवार को बंद रही थी लेकिन दूसरे जब किसान पहुंचे तो कांटे पर लंबी लाइनें लग गई। हालांकि कुछ हद तक जगह बनी थी, जिसमें ट्रालियां तो अंदर आती रहीं लेकिन शाम तक मंडी फिर फुल हो गई। जाम की स्थिति बन गई। जिससे किसानों के साथ आढ़तियों को आवागमन में दिक्कत होने लगी। राइस मिलरों की संख्या कम रही, जिसके कारण नमी अधिक बताकर मनमाने तरीके से किसानों की फसल को 200 रुपये कम पर खरीदा गया, हालांकि आज एजेंसियां सक्रिय नजर आई, जिससे सरकारी खरीद भी हुई। कुल 275499 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। धान की उठान 102363 मीट्रिक टन हो सकी। मंडियों में अभी भी 173146 मीट्रिक टन धान पड़ा है।
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हाईवे से लेकर फुरलक रोड तक दिखा जाम ही जाम
घरौंडा। नई अनाज मंडी में रविवार को धान की आवक पर रोक लगाने के बाद सोमवार रात को ही धान से भरी ट्रैक्टर ट्रालियों की लंबी कतारें लग गई। दिल्ली से करनाल, करनाल से दिल्ली व विश्वकर्मा चौक से फुरलक रोड पर जाम ही जाम दिखाई दिया। सोमवार को लगभग 90 हजार क्विंटल धान की आवक हुई है। मंडी में अभी तक सीजन की लगभग साढ़े चार हजार क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। वही बस स्टैंड का गेट बंद हो गया। जिससे आम जन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
नई अनाज मंडी में धान की आवक ने पूरी तेजी पकड़ी हुई है। जिस कारण मंडी में धान डालने के लिए जगह कम पड़ गई। जिसके चलते रविवार को धान की आवक पर रोक लगा दी थी, लेकिन रात को ही किसान धान से भरी ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर मंडी में पहुंच गए और रात से ही लंबी कतार लग गई थी। सोमवार को सुबह पूरा शहर जाम की स्थिति में था। शाम के पांच बजे जाम से कुछ राहत मिली। सुबह स्कूल में जाने वाले बच्चों के साथ दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
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धान मंडी के गेट के बाहर तक पहुंचा
तरावड़ी। धान के मामले में जिले की सबसे अहम मंडी तरावड़ी में धीमे चल रहे उठान के चलते मंडी में धान मंडी के गेट के बाहर तक पहुंच गया है और अब हालात यह है कि मंडी में आने वाली धान की भरी ट्रालियों की एंट्री बंद हो गई है। सुबह से शाम तक ट्रालियों की कतार नही टूटी। उठान हो सके इसके लिए रविवार को मंडी में आवक की छुट्टी रखी गई थी लेकिन सोमवार तडक़े से मंडी की ओर जाने वाली सभी सडक़ों पर जाम था। किसान सिंदर गालिबखेड़ी, सुखविंद्र सौकड़ा, परमजीत वडैच सौकड़ा, रिशिपाल पधाना व रामदिया शामगढ़ का कहना है कि इस बार जिस तरह की उठान की व्यवस्था है उससे मंडी में ट्राली लेकर आना मुश्किल हो गया है। हालात यह है कि किसान को अपना धान गेट के बाहर सडक़ पर उतारने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। स्थिति ठीक न हुई तो मंगलवार तक सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगा। इस बारे में मार्केट कमेटी सचिव अजय संधू का कहना है कि सीजन इस समय पीक पर है। रविवार को उठान के लिए मंडी बंद करने का फैसला लिया गया था ताकि सोमवार से काम सुचारू चलाया जा सके।
बाक्सकरीब तीन किलो मीटर तक लगी कतार
निसिंग। अनाज मंडी निसिंग में धान की उठान के कार्य को लेकर रविवार को निसिंग अनाज मंडी बंद होने के कारण सोमवार को धान लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियों की करीब तीन किलो मीटर तक अलसुबह अनाज मंडी से करनाल कैथल रोड़,सिंघड़ा रोड़ सांभली रोड़ व करनाल कैथल रोड़ तक लंबी लाइन लग गई। मंडी बंद होने के कारण किसान रात को ही अनाज मंडी का रुख कर लिया और सुबह करनाल कैथल स्टेट हाईवे तक करीब तीन किलो मीटर तक लाइन लग गई। इस कारण मंडी प्रशासन के पसीने छूट गए। सुबह से धान की आमद लगातार बढऩे व मंडी में बाहर आने जाने के रास्तों में ट्रैक्टर ट्रॉली खड़ी होने के कारण उठान की गति धीमी रही और मंडी में आने जाने के सभी रास्ते बंद हो गए हैं और अनाज मंडी गेट के बाहर ओवरलोड़ धान की ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गई। इतना ही नहीं कि किसानों को गेट पास के चक्रव्यूह में फंसकर भूखे प्यासे सुबह से शाम तक दो चार होना पड़ रहा है। अनाज मंडी में पीआर किस्म की धान बेचने में भी किसानों के सामने कई प्रकार की समस्याओं से उलझना पड़ रहा है क्योंकि इस बार धान की फसल क्षेत्र के साथ साथ प्रदेश के कई जिले के किसान भी अपनी धान की फसल लेकर अनाज मंडी में पहुंच रहे है। वहीं गेट पास के लिए मंडी व बाहर सडक़ पर लंबा जाम लगा रहता है। किसान नेता दिलभाग सिंह, जयभगवान बस्तली, रोशन लाल, मोहन लाल, सुभाष, रमेश कुमार, अंग्रेज सिंह, सोनू सहित अन्य ने आरोप लगाया कि किसानों के लिए इस पोर्टल ने फायदा कम परेशानी अधिक बढ़ा दी है। पोर्टल के तहत गेट पास लेने के लिए किसानों को घंटों लाइन में लगने के बाद भी गेट पास नहीं मिल रहा है। सोमवार को डीएमई सौरभ चौधरी ने निरीक्षण के बाद बताया कि धान की खरीद, गेट पास सहित अन्य व्यवस्था की जांच की गई और मार्केट कमेटी सचिव गौरव चौधरी व खरीद एजेंसी के निरीक्षकों को उठान व धान की खरीद में किसी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश दिए गए है।
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Karnal News: मंडियां फुल, सड़कों पर जाम, धीमा उठान