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देव शर्मा
करनाल। चीन की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश में उन्नत नस्लों वाले पशुओं की संख्या कम है। यहां जिस प्रकार की जलवायु है, उनके अनुकूल पशु नहीं हैं। लिहाजा मौजूदा नस्ल वाले पशुओं के दूध में गुणवत्ता और पौष्टिकता अपेक्षाकृत कम है। चूंकि इस सूबे में बॉर्डर क्षेत्र काफी लंबा है, इसलिए यहां विभिन्न सैन्य बलों की तैनाती भी हमेशा रहती है। इसलिए यहां तैनात सुरक्षा बलों को भी गुणवत्तापूर्ण व अधिक पौष्टिक दुग्ध उपलब्ध हो। इसके लिए अरुणाचल सरकार विचार कर रही है। इसी के चलते प्रदेश के पशुपालन व कृषि मंत्री गेब्रियल डी. वांगसू करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) पहुंचे।
यहां उन वैज्ञानिकों ने उन्नत व जलवायु अनुकूल दुधारु पशुओं की नस्ल संबंधी विस्तृत जानकारी हासिल की। वांगसू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश एक सीमावर्ती राज्य है, इसलिए हमारे सुरक्षा बलों को गुणवत्तापूर्ण दूध उपलब्ध कराने और उन्हें मांग अनुसार पर्याप्त दुग्ध की आपूर्ति करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में जलवायु के अनुकूल मवेशियों को विकसित करने की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि राज्य की जलवायु बहुत परिवर्तनशील है। लिहाजा सरकार प्रदेश में जलवायु अनुकूल पशुओं की नस्लों में वृद्धि करना चाहती है। इसी के चलते मंत्री ने यहां वैज्ञानिकों के साथ संवाद किया और उन्हें अपनी जरूरतें बताईं। यहां उन्होंने प्रौद्योगिकियों और दुग्ध उत्पाद प्रक्रियाओं को भी देखा।
मंत्री वांगसू ने संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ बैठक में दो-तीन स्वदेशी नस्लों की पहचान करने और उत्तर पूर्व में उत्पादित होने वाले दुग्ध उत्पादों में मूल्यवर्धन करने की भी इच्छा जताई। मंत्री ने पशुधन अनुसंधान केंद्र और कृत्रिम प्रजनन अनुसंधान केंद्र के साथ साथ एनडीआरआई फार्मों में क्लोन किए गए जानवरों और प्रजनक बैलों को भी देखा। उन्होंने यहां प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर दूध प्रसंस्करण क्षमता वाले मॉडल डेयरी के प्लांट का भी अवलोकन किया। मंत्री ने केंद्रित और सूखे दूध उत्पादों, पनीर और किण्वित दूध उत्पादों, वसा युक्त डेयरी उत्पादों, पारंपरिक डेयरी उत्पादों और डेयरी उप-उत्पादों को बनते भी देखा।
मंत्री वांगसू का एनडीआरआई पहुंचने पर संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ. धीर सिंह ने स्वागत किया। निदेशक ने कहा कि एनडीआरआई ने अपने अस्तित्व के 101 वर्षों में डेयरी के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय संस्थान के रूप में कार्य करते मौजूदा प्रतिष्ठा हासिल की है।
वैज्ञानिकों ने मंत्री वांगसू को पशु जैव प्रौद्योगिकी केंद्र और रेफरल प्रयोगशाला में विभिन्न सुविधाएं भी दिखाईं। मंत्री के साथ सचिव हागे तारी व अन्य अधिकारियों की टीम भी मौजूद रही। एनडीआरआई के संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डॉ. राजन शर्मा ने अरुणाचल प्रदेश की टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में सभी मुद्दों की पहचान करने के लिए एक विचार मंथन सत्र आयोजित किया जाएगा।
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Karnal News: बॉर्डर पर सुरक्षा बलों को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण दूध