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– गोशाला समिति के अभियान चलाने के बावजूद खत्म नहीं हो रही समस्या
संवाद न्यूज एजेंसी
घरौंडा। बेसहारा पशु लोगों के जी का जंजाल बन गए हैं। गलियों और सड़कों पर जहां भी नजर दौड़ाएं बेसहारा पशु ही नजर आते हैं। आए दिन ये पशु लोगों पर हमला तक कर रहे हैं। रात को अंधरे में कई बार ये पशु वाहन चालकों के सामने आ जाते हैं जिससे हादसे हो जाते हैं।
हालांकि गोशाला समिति पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाती और फौरी तौर पर लोगों को राहत भी मिलती है लेकिन कुछ दिन बाद फिर सड़कों पर बेसहारा पशु नजर आने लगते हैं। जिसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कई बार ये पशु आपस में लड़ने लग जाते हैं। जिससे वाहनों को भी नुकसान हो जाता है। कई बार ये शहरी क्षेत्र से झुंड के रूप में निकलते हैं और खेतों में जाकर फसल उजाड़ देते हैं। जिससे किसानों को भी भारी नुकसान पहुंचता है। जिसके कारण किसानों को रात में खेतों की रखवाली तक करनी पड़ रही है।
बाहर के लोग काफी बेसहारा पशु शहर में छोड़कर चले जाते हैं। जिससे इनका जमावड़ा लग जाता है। अक्सर इनकी वजह से वाहन चालक चोटिल हो जाते हैं। हालांकि गोशाला समिति के पदाधिकारी समय-समय पर पशु पकड़ने का अभियान चलाते हैं मगर समस्या का समाधान संभव नहीं है।
– रिंकू राणा, समाजसेवी
गोशाला में 2500 गाय व बछड़े हैं। उनके रखरखाव की सभी व्यवस्थाएं की जाती हैं। शहर से बाहर के लोग कई बार पशु छोड़कर चले जाते हैं, लेकिन गोशाला समिति बार-बार पशु पकड़ने का अभियान चला कर गोशाला में ले जाते हैं।
महेंद्र गर्ग, गोशाला के प्रधान
नगर पालिका घरौंडा की ओर से शहर में बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाता है। नपा के पास वाहन की व्यवस्था नहीं है इसलिए ट्रैक्टर ट्रॉलियों के माध्यम से बेसहारा पशुओं को सड़कों से पकड़कर गोशाला भिजवा दिया जाता है।
– रवि प्रकाश शर्मा, सचिव नगर पालिका
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Karnal News: बेसहारा पशु बने जी का जंजाल