in

Karnal News: बिजली मौलिक अधिकार का हिस्सा, जमीन में सहहिस्सेदार की एनओसी न मिलने से रोका नहीं जा सकता किसानों का कनेक्शन Latest Haryana News

Karnal News: बिजली मौलिक अधिकार का हिस्सा, जमीन में सहहिस्सेदार की एनओसी न मिलने से रोका नहीं जा सकता किसानों का कनेक्शन Latest Haryana News

[ad_1]

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग करनाल ने बिजली आपूर्ति के संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। आयोग ने स्पष्ट किया कि बिजली एक बुनियादी आवश्यकता है और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत यह जीवन के मौलिक अधिकार का हिस्सा है। आयोग ने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम को आदेश दिया है कि वह मृतक किसान के कानूनी वारिसों के खेतों में ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए तुरंत बिजली आपूर्ति शुरू करे। ताकि उन्हें अपनी फसल को उगाने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

फफड़ाना गांव निवासी रामचंद्र (मृतक)

ने वर्ष 2017 में ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। उन्होंने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से मांगी गई पूरी राशि समय-समय पर जमा कर दी थी। विभाग ने उनके खेत में खंभे लगा दिए, तार बिछा दिए और ट्रांसफार्मर भी स्थापित कर दिया। विभाग ने 8 अगस्त, 2022 को किसान को एक पत्र भेजा। इसमें कनेक्शन रोकने की बात कही गई। किसान जब उत्तर हरियाणा बिजली निगम असंध के कार्यालय में पहुंचे तो तर्क दिया गया कि उनकी जमीन के एक अन्य हिस्सेदार सुंदर लाल ने निगम के समक्ष आपत्ति जताई थी कि उनका इस जमीन में हिस्सा है। इसलिए यहां पर ट्रांसफार्मर स्थापित न किया जाए। बिजली निगम ने किसान को तर्क दिया कि सुंदर लाल से अनापत्ति प्रमाणपत्र ले आएंगे तो उनको कनेक्शन जारी कर दिया जाएगा। निगम ने कहा कि अगर अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं मिला तो उन्हें कनेक्शन जारी नहीं किया जा सकता।

मामले में सुनवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष जसवंत सिंह और सदस्य नीरू अग्रवाल व सर्वजीत कौर की पीठ ने सुनवाई के दौरान बिजली निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। आयोग ने कहा कि जब किसान ने पैसे जमा किए और विभाग ने खंभे व ट्रांसफार्मर लगाए, तब एनओसी क्यों नहीं मांगी गई। यह बड़ा सवाल है। अब जब सारा काम पूरा हो चुका है, तब एनओसी की मांग करना सेवा में कोताही है।

लिखित में आपत्ति नहीं पेश की

आयोग के समक्ष बिजली वितरण निगम आपत्ति जताने वाले हिस्सेदार सुंदर लाल का कोई लिखित हलफनामा या गवाही पेश नहीं कर सका। जिस कारण उनकी आपत्ति कानूनी रूप से मान्य नहीं पाई गई। उपभोक्ता आयोग ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि बिजली के बिना फसलें बर्बाद हो जाएंगी और किसान को इस बुनियादी सुविधा से वंचित नहीं किया जा सकता। आयोग ने बिजली विभाग को आदेश दिया कि वह तुरंत ट्यूबवेल के लिए बिजली की सप्लाई शुरू करें। साथ ही कहा कि यदि भविष्य में जमीन के बंटवारे के दौरान वह हिस्सा किसी दूसरे हिस्सेदार के नाम आता है, तो कनेक्शन लेने वाले किसान को अपने खर्च पर कनेक्शन दूसरी जगह शिफ्ट कराना होगा।


वंचित किसानों के लिए राहत की उम्मीद

जिला उपभोक्ता निवारण आयोग के इस फैसले से प्रदेश के उन किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है, जिनको जमीन की सहहिस्सेदारी के कारण ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं मिल पाता। ऐसे बहुत से मामले जिले की बिजली निगम में अटके हुए हैं। आयोग ने उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला भी दिया है कि बिजली के बिना किसानों की फसलें बर्बाद हो जाएंगी। किसान को इस बुनियादी सुविधा से वंचित नहीं किया जा सकता।

[ad_2]
Karnal News: बिजली मौलिक अधिकार का हिस्सा, जमीन में सहहिस्सेदार की एनओसी न मिलने से रोका नहीं जा सकता किसानों का कनेक्शन

Karnal News: तीन किलोमीटर में पांच सड़क हादसे, 10 की मौत, 25 घायल Latest Haryana News

Karnal News: तीन किलोमीटर में पांच सड़क हादसे, 10 की मौत, 25 घायल Latest Haryana News

Kurukshetra: महिला डॉक्टर के पांच हत्यारों को सजा-ए-मौत, अपने आदेश में न्यायाधीश ने यह भी कहा Latest Haryana News

Kurukshetra: महिला डॉक्टर के पांच हत्यारों को सजा-ए-मौत, अपने आदेश में न्यायाधीश ने यह भी कहा Latest Haryana News