[ad_1]
– प्रधानों से लगातार संपर्क साधने में जुटे, बैठक के बाद फैसला लेने का आश्वासन
देव शर्मा
करनाल। हरियाणा विधानसभा चुनाव में सभी प्रत्याशी मैदान में उतर चुके हैं। शहर से लेकर गांवों तक फ्लैक्सी, पोस्टर से लेकर लाउड स्पीकर तक से प्रचार प्रसार शुरू कर दिया गया है। जनसंपर्क और सभाएं लगातार चल रही हैं लेकिन इसी बीच प्रत्याशियों की निगाहें समाज की बड़ी बिरादरियों पर भी टिकी हैं।
यही कारण है कि प्रत्याशी बड़ी बिरादरियों के प्रधानों से लगातार संपर्क साध रहे हैं, उनके साथ बैठकें कर रहे हैं, हालांकि बिरादरियों के ये प्रधान इस अचानक बढ़ी पूछ को लेकर धर्मसंकट में हैं कि आखिर किसका समर्थन करें। इसलिए एक ही रटारटाया जा जवाब दे रहे हैं कि बिरादरी की कार्यकारिणी के सदस्यों, पदाधिकारियों की बैठक के बाद ही कोई निर्णय ले सकेंगे।
करनाल में पंजाबी बड़ी बिरादरियों में शुमार है। कांग्रेस और भाजपा दोनों की ही निगाहें, इस बिरादरी पर टिकी है। भाजपा का करनाल सीट पर प्रत्याशी पंजाबी बिरादरी से है, तो कांग्रेस प्रत्याशी भी खुद को पंजाबी कहती हैं। कांग्रेस ने नामांकन प्रक्रिया से पहले भी एक पंजाबी सम्मेलन किया था, जिसमें समाज का समर्थन लेने का प्रयास किया गया था, हालांकि उस समय किसी पार्टी का प्रत्याशी सामने नहीं आया था, लेकिन अब मुख्य पार्टियों के प्रत्याशी सामने आ चुके हैं, इसलिए अब बिरादरियों की रणनीति भी बदले समीकरणों के साथ बन रही है।
पंजाबी बिरादरी सभा भवन करनाल के अध्यक्ष कृष्ण लाल तनेजा यूं तो भाजपा समर्थित रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि सभी पार्टियां समर्थन के लिए लगातार संपर्क कर रही हैं। प्रत्याशी भी संपर्क कर रहे हैं, बैठक भी करना चाहते हैं लेकिन अभी बिरादरी के तौर पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शीघ्र ही बिरादरी की बैठक बुलाकर सभी की राय के आधार पर फैसला लिया जाएगा।
जिले में ब्राह्मणों की भी बड़ी बिरादरी है, इसलिए इस बिरादरी के प्रधान से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है। हालांकि शहर से लेकर गांव तक ब्राह्मणों के कई संगठन हैं। फिर भी सर्व ब्राह्मण सभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष एवं जिला करनाल ब्राह्मण सभा के प्रधान सुरेंद्र शर्मा बड़ौता का कहना है कि सर्व ब्राह्मण सभा हरियाणा की कई बैठकें हो चुकी हैं। सभा ने तय करके कहा था कि जो भी राजनीतिक दल ब्राह्मणों को सबसे अधिक टिकट देगा, ब्राह्मण सभा उसी को समर्थन करेगी।
हरियाणा के सभी 22 जिलों की ब्राह्मण सभाओं की सहभागिता में सर्व ब्राह्मण सभा हरियाणा को बनाया गया है। अब टिकट वितरण हो चुका है, किस राजनीतिक दल ने ब्राह्मणों को कितने टिकट दिए हैं, इसकी समीक्षा तो कर ली गई है। विभिन्न राजनीतिक दल लगातार समर्थन प्राप्त करने के लिए संपर्क कर रहे हैं लेकिन सर्व ब्राह्मण सभा हरियाणा ने अभी अपना समर्थन संबंधी फैसला सुरक्षित रखा है। शीघ्र ही कार्यकारिणी से मशविरा करने के बाद फैसला सार्वजनिक किया जाएगा।
इसी तरह से वैश्य समाज, जैन समाज सहित कई समाज ऐसे हैं, जिनके प्रधानों से प्रत्याशी लगातार संपर्क कर रहे हैं, लेकिन बिरादरियों के प्रधान अभी प्रत्याशियों से बात करने से कतरा रहे हैं। उनके सामने भी धर्मसंकट खड़ा हो गया है, क्योंकि किसी बिरादरी में सभी पार्टियों के समर्थक होते हैं, उन्हें किसी एक पार्टी को समर्थन देने के लिए तैयार करना भी टेढ़ी खीर है। फिलहाल तो बिरादरियों के प्रधान भी चुनावी समर्थन देने के लिए अपनी कार्यकारिणी की बैठकें कर रहे हैं। इसके अलावा कई बिरादरियों के साथ प्रत्याशी बैठकें कर भी चुके हैं।
[ad_2]
Karnal News: बड़ी बिरादरियों पर सियासी पार्टियों की नजर