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कुरुक्षेत्र। प्रदेश में हुए कथित धान घोटाले की जांच के बीच जिला खाद् एवं पूर्ति नियंत्रक राजेश आर्य पर गाज गिरी है। उन्हें हटा दिया गया है तो उनकी जगह अब जिला खाद् एवं पूर्ति नियंत्रक का अतिरिक्त कार्यभार यमुनानगर के डीएफएससी जतिन मित्तल को सौंपा गया है। बुधवार शाम को यह आदेश जारी हुए तो एकाएक डीएफएससी राजेश आर्य फिर चर्चा में आ गए।
वे धान खरीद सीजन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के निशाने पर रहे तो उन्हें हटाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया। धान खरीद से लेकर उठान में गड़बड़ी व बाद में बाहरी राज्यों की धान की आड़ में घोटाले के भी भाकियू आरोप लगाती रही। हालांकि अभी यह पूरे प्रदेश में जांच चल रही है। डीएफएससी 16 अक्तूबर को हुए थप्पड़कांड से और भी चर्चा में आ गए थे, जिसके बाद आज तक वे भाकियू के निशाने पर है। उधर, वर्तमान पद से हटाए जाने को लेकर डीएफएससी राजेश आर्य से संपर्क नहीं हो सका।
छह मार्केट कमेटी सचिव हो चुके चार्जशीट
कथित धान घोटाले की जांच के बीच ही चार दिन पहले ही प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 39 मंडी सचिवों को चार्जशीट किया है, जिनमें जिला के छह मंडी सचिव भी शामिल है। भाकियू इस कार्रवाई को नाकाफी बताती रही तो घोटाले की जांच सीबीआई से कराए जाने व आरोपी बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग करती रही है।
सीबीआई से जांच होगी तो ही खुलेगा पूरा राज : बैंस
भाकियू प्रवक्ता राकेश बैंस का कहना है कि यह पांच हजार करोड़ से भी अधिक का घोटाला है, जिसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। तभी पूरा राज खुल सकेगा और बड़े आरोपी भी पकड़े जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि डीएफएससी राजेश आर्य को यहां से हटाए जाने की यूनियन लगातार मांग कर रही थी।
जिले के 230 राइस मिलों के स्टॉक की जांच पूरी
प्रदेश सरकार के आदेशों के बाद राइस मिलों की जांच की जा रही है। जिले में स्थित 230 राइस मिलों के स्टॉक की जांच पूरी कर ली गई है, जिसके लिए पांच टीमें फील्ड में उतारी गई थी। हालांकि अभी तक ये टीमें अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप पाई है। सरकार ने पांच दिसंबर तक जांच रिपोर्ट मांगी थी।
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Karnal News: धान घोटाले की जांच के बीच जिला खाद् एवं पूर्ति नियंत्रक को हटाया


