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करनाल। मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने अनाज मंडी करनाल में आ रहे धान की निगरानी बढ़ा दी है। मंडी के गेट पर विभाग के कर्मचारी तैनात हैं जो उत्तर प्रदेश से लाई जाने वाली धान की ट्रॉलियों को वापस भेज रहे हैं। मंडी में आ रहे धान और किसान के सत्यापन के साथ गेट पास दिया जा रहा है। हर ढेरी और हर किसान का गांव के सरंपच से लेकर नंबरदार तक से सत्यापन कराया जा रहा है। ताकि ये पता चल सके कि किस गांव के किसान ने कितनी फसल का पंजीकरण कराया था और उसकी कितनी फसल मंडी में आ चुकी है।
किसान का आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज तक देखे जा रहे हैं। धान का ज्यादा पंजीकरण करवाने के बाद कम फसल लाने और मार्जिन को एडजस्ट करने का भी ऑडिट किया जा रहा है। दूसरी ओर अनाज मंडी में अब तक हुई धान की आवक और खरीद का ऑडिट शुरू हो गया है। मार्केट कमेटी सचिव रोजाना छह बजे मंडी के गेट पर पहुंचकर आवक का निरीक्षण कर रहे हैं।
इसलिए की सख्ती
जिले के किसानों की धान की फसल अब तक खेतों में खड़ी है जबकि अनाज मंडी पिछले 20 दिनों से धान से भर चुकी हैं। इस बीच सामने आया कि मंडी में उत्तर प्रदेश से सस्ता धान लाकर यहां एमएमसी पर बेचा जा रहा है। सस्ते रेट और एमएसपी के बीच के अंतर में गोलमाल की बातें सामने आने लगीं। इसका जिले से लेकर प्रदेश भर के किसान नेताओं ने विरोध किया। करनाल से लगते उत्तर प्रदेश सीमा पर जाकर यूपी से आने वाली धान से भरी ट्रॉलियों को वापस भेजा गया। इसकी शिकायत विधायकों से लेकर मुख्यमंत्री तक को की गई।
किसान नेताओं का कहना है कि यूपी के मोटे धान से एक ओर किसानों को फसल के रेट में नुकसान झेलना पड़ रहा है और दूसरा कोटा पूरा होने का भय भी सता रहा है। अगर धान खरीद का कोटा पूरा हो गया तो प्रदेश भर के किसान अपनी फसल को कहां बेचने जाएंगे।
उत्तर प्रदेश से आने वाली धान की ट्रॉलियों को गेट से ही लौटा दिया जा रहा है। धान खरीद भी नियमानुसार कराई जा रही है। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसान और फसल की वेरिफिकेशन करें जिससे जिले के किसानों को अपनी फसल बेचने में परेशानी न आए।
आशा रानी, सचिव मार्केट कमेटी करनाल
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Karnal News: धान खरीद की बढ़ाई निगरानी, यूपी से आई ट्रॉलियां भेज रहे वापस