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अनुज शर्मा
करनाल। देह दान की शपथ लेने में बुजुर्ग युवाओं से आगे है। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017 से वर्ष 2024 अक्तूबर तक यानी सात सालों में मात्र 170 लोगों ने ही देह दान का संकल्प फार्म भरा है और अभी तक 23 लोगों के परिजनों ने ही देह का दान किया है। जिनमें 15 पुरुष और आठ महिलाएं शामिल हैं। वहीं शपथ लेने वाले 170 में से 20-39 साल के 39 लोग, 40-59 साल के 60 लोग और 60-99 साल के 71 लोग शामिल हैं। ऐसे में देह दान के प्रति युवाओं में जागरूकता होनी जरूरी है क्योंकि देश को एक बेहतर डॉक्टर देने देह दान का अधिक होना अति आवश्यक है। संवाद
एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र बुद्धिराजा व डॉ. श्वेता स्वामी ने बताया कि अंतरिक्ष परी कल्पना चावला के पिता बनारसी दास चावला का 94 वर्ष की उम्र में इसी माह तीन अक्तूबर 2023 को देहांत हो गया था। जिन्होंने अपनी वसीयत अनुसार अपनी बेटी के संस्थान में ही अपना देह दान कर एक मिसाल पेश की। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग देह दान के प्रति जागरूक हो सकें। डॉ. रिंपी व डॉ. स्वाति बंसल ने बताया कि एनाटॉमी विभाग यानी शरीर रचना विभाग में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी दान के लिए आए हुए मानव शरीर का एक शिक्षक की भांति आदर करते हैं। विद्यार्थी मानव शरीर का उपयोग करने से पहले देह के सामने हाथ जोड़कर नमन करते हैं और शिक्षक मानकर संकल्प लेते हैं कि उनकी देह के कारण ही वे मेडिकल साइंस की पढ़ाई पूरी कर पाएंगे और वे सभी आपका पूर्ण शिक्षक की भांति मान-सम्मान करेंगे। संवाद
वर्ष अनुसार देह दान पर एक नजर
वर्ष देह दान
2017 05
2018 05
2019 02
2020 03
2021 00
2022 03
2023 02
2024 03
कुल 23
वर्जन –
वर्ष 2017 में अक्तूबर 2024 तक 170 लोगों ने देह दान करने का संकल्प फार्म भरा है। इनसे अलग 23 लोगों ने देह दान किया है। देह दान से एक बेहतर डॉक्टर बनने का मार्ग खुलता है। ऐसे में लोगों को देह दान के प्रति जागरूक होना चाहिए और बेहतर डॉक्टर बनाने में सहयोग करना चाहिए।
– डॉ. एमके गर्ग, निदेशक, केसीजीएमसी, करनाल।
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Karnal News: देह दान की शपथ लेने में युवाओं से कई गुना आगे बुजुर्ग