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राजपुरा-बठिंडा रेल सेक्शन पर बिछाया गया नया ट्रैक। रेलवे
अंबाला। दिल्ली से बठिंडा के बीच शताब्दी चलाने पर मंथन चल रहा है। पिछले दिनों पंजाब के संगरूर रेलवे स्टेशन के दौरे पर पहुंचे रेल राज्यमंत्री रवनीत बिट्टू को बठिंडा और आसपास के लोगों ने गुहार लगाई थी कि यहां भी सुविधाओं वाली ट्रेनों का संचालन किया जाए, क्योंकि यहां से अधिकतर व्यापारी दिल्ली तक आवागमन करते हैं।
नई ट्रेन के संचालन से उन्हें भी प्रीमियम ट्रेनों में सफर करने का मौका मिलेगा और उनके समय की भी बचत होगी। हालांकि अभी यह प्रस्ताव है जोकि जल्द ही रेलवे को प्रस्तावित योजना के तहत भेजा जा सकता है ताकि शताब्दी के संचालन को लेकर आगामी कार्रवाई आरंभ की जा सके और लोगों को सुविधा मिल सके।
प्राप्त जानकारी अनुसार मौजूदा समय में दिल्ली से बठिंडा के लिए चल रही ट्रेनों में 300 किमी सफर के लिए छह से सात घंटे का समय लगता है। वहीं अंबाला कैंट से चलने वाली ट्रेनों में 200 किमी सफर के लिए चार से पांच घंटे का समय लगता है। ऐसे में यात्रियों की काफी परेशानी बढ़ जाती है और उनका अधिकांश समय ट्रेन में सफर के दौरान ही निकल जाता है।
दिल्ली से बठिंडा के लिए ट्रेन
मौजूदा समय में 16 ट्रेनों का संचालन दिल्ली से बठिंडा के बीच हो रहा है। इसमें ट्रेन नंबर 14623 पातालकोट एक्सप्रेस, 13413 फरक्का एक्सप्रेस, 13483 फरक्का एक्सप्रेस, 12555 गोरखधाम एक्सप्रेस, 20409 दिल्ली कैंट-बठिंडा एक्सप्रेस, 14030 मेरठ-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस, 12439 नई दिल्ली-बठिंडा, 14507 दिल्ली-फाजिल्का एक्सप्रेस, 14619 त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस, 12481 दिल्ली-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस, 14731 किसान एक्सप्रेस, 05919 न्यूतिनसुखिया एक्सप्रेस, 15909 अवध आसाम एक्सप्रेस, 12137 पंजाब मेल, 12455 दिल्ली-बीकानेर एक्सप्रेस शामिल हैं।
अंबाला कैंट से बठिंडा के लिए ट्रेन
अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन से बठिंडा के लिए सात ट्रेनों का संचालन होता है। इसमें ट्रेन नंबर 14887 ऋषिकेश-बाड़मेर एक्सप्रेस, 14525 अंबाला-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस, 14736 अंबाला-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस, 04547 अंबाला-बठिंडा पैसेंजर, 14507 दिल्ली-फाजिल्का एक्सप्रेस और ट्रेन नंबर 14816 ऋषिकेश-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस शामिल है।
राजपुरा-बठिंडा का डबल ट्रैक बनेगा कड़ी
अंबाला मंडल के अधीन आने वाले राजपुरा-बठिंडा रेल सेक्शन के दोहरीकरण पर लगभग 2500 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह परियोजना कुल 173 किलोमीटर रेलवे ट्रैक के लिए तैयार की गई है। इस कार्य की शुरुआत वर्ष 2019 में शुरू हुई थी, लेकिन कोरोना के कारण काम लगभग दो साल लंबित रहा जोकि मई 2024 में पूरा किया गया। इसके बाद सीआरएस ने पूरे सेक्शन का बारिकी से निरीक्षण किया और इसे मान्यता प्रदान की। हालांकि अभी छोटा-मोटा काम अधूरा है, इसके लिए भी 2024-25 के बजट में 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वर्जन
राजपुरा-बठिंडा ट्रैक का दोहरीकरण हो गया है। पहले के मुकाबले अब 110 की गति से ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में नई ट्रेनों को लेकर भी रूपेरखा तैयार हो सकती है जोकि रेलवे पर निर्भर करती है। अभी चेतक एक्सप्रेस के बारे में फिजिबिलिटी रिपोर्ट मांगी गई है।
एमएस भाटिया, डीआरएम अंबाला।
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Karnal News: दिल्ली से बठिंडा के बीच शताब्दी चलाने पर मंथन शुरू