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अंबाला सिटी। जमीन अधिग्रहण के मामले में भुगतान में देरी के चलते न्यायालय के आदेशों पर तहसीलदार अंबाला सिटी और जिला राजस्व अधिकारी डीआरओ की सरकारी गाड़ियां जब्त कर ली। दोनों गाड़ियों को कोर्ट परिसर की पार्किंग में खड़ा कर दिया है।
इन आदेशों पर शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारी भूमि अधिग्रहण कलेक्टर की गाड़ी भी शुक्रवार को जब्त कर ली जाएगी। इनका कार्यालय पंचकूला में है। इस दौरान कोर्ट परिसर में भी लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोग देखकर हैरान हो गए कि अधिकारियों की गाड़ियां जब्त क्यों की जा रही हैं।

यह मामला एक एकड़ जमीन का है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने शहरी विकास प्राधिकरण को मुआवजे के तौर पर ब्याज की रकम देने के आदेश दिए थे। इसमें देरी के चलते शिकायतकर्ता ने अपील दर्ज की थी। इस पर वीरवार को कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई की गई।
इस संबंध में एडवोकेट दिलबाग सिंह दानीपुर ने बताया कि वर्ष 1980 से 1982 के दौरान शहर में सेक्टरों नौ के निमार्ण के लिए जंडली निवासी टेकचंद की एक एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ था। इसके लिए विभाग को भुगतान के तौर पर 24 लाख रुपये की रकम देनी थी। भुगतान में देरी के कारण टेकचंद ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने विभाग को वर्ष 2006 में 15 फीसद ब्याज सहित भुगतान की राशि देने के आदेश जारी किए थे।
विभाग ने भुगतान की राशि तो दे दी, लेकिन ब्याज की रकम देने में लंबा समय लगा दिया। इससे ब्याज बढ़कर 17 लाख 33 हजार हो गया। इसके लिए टेकचंद के पुत्र राजेश कुमार, परवेश कुमार और विजय कुमार की ओर से अंबाला कोर्ट परिसर में एडिशन सेशन जज राजन वालिया की अदालत में मामला चल रहा था। जिस पर बीते वीरवार को कोर्ट ने भुगतान में देरी के चलते अधिकारियों की गाड़ियां जब्त करने के आदेश दिए थे। इसी को लेकर वीरवार को कार्रवाई हुई है।
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Karnal News: तहसीलदार और डीआरओ की गाड़ियां जब्त