चार सौ बच्चे विदेश चले गए, गांव की गलियां सूनी लगती हैं साहब…
असंध विधानसभा क्षेत्र के बालू गांव में आयोजित चुनावी चौपाल में परिवार के लोगों का छलका दर्द
देव शर्मा
करनाल। गांव के चार सौ लड़के विदेश चले गए हैं, बिना उनके यहां की गलियां सूनी लगने लगी हैं, घरों में मन नहीं लगता है साहब, लेकिन क्या करें, जीवन चलाने के लिए कुछ तो करना ही है, कलेजे पर पत्थर रख अपने लाडलों को अपने से दूर भेजना पड़ता है। रही बात चुनाव की तो संकल्प पत्र तो सभी पार्टियां जारी करती हैं लेकिन बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मुद्दा क्यों नहीं बनती हैं। क्या, मतदाता सिर्फ इसलिए हैं कि जब चुनाव आए तो पांच साल में एक बार वोट मांगने आ जाओ, इसके बाद लौटकर देखना ही नहीं कि जो वादे करके आए थे, उनका क्या हुआ।
कुछ ऐसी बातें वीरवार को असंध विधानसभा क्षेत्र में निसिंग क्षेत्र के बालू गांव में अमर उजाला की ओर से आयोजित चुनावी चौपाल में स्थानीय लोगों ने कहीं। सबसे पहले अमनदीप शर्मा ने स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि क्षेत्र में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है, रात को यदि कोई गंभीर बीमार हो जाए, कई किमी दूर करनाल जाना पड़ता है। क्षेत्रीय विधायक की अफसरों से बनी नहीं, अपेक्षित विकास नहीं करा पाए। गुरिंदर सिंह ने बेरोजगारी, महंगाई की मुद्दा उठाते हुए कहा कि नेता झूठे वादे करते हैं, ये मुद्दे अपने संकल्प पत्र शामिल क्यों नहीं करते।
पवन शर्मा ने कहा कि क्षेत्र में कोई फैक्ट्री नहीं हैं, रोजगार का साधन नहीं है, यही कारण है कि गांव के 400 लड़के विदेश जा चुके हैं। गांव में बच्चे हैं ही नहीं, जिससे गलियां सूनी लगती हैं। आयुष्मान कार्ड के लिए पात्रों का सर्वे होना चाहिए। किसी प्राइवेट अस्पताल में कोई आयुष्मान कार्ड से ऑपरेशन कराता है तो डाक्टर एक ही बार में पांच लाख रुपये पूरे कर लेता है, इसके बाद ऑप्रेशन में कोई दिक्कत हो जाए या बुखार भी आ जाए तो भारी भरकम फीस लेते हैं।
मांगेराम ने कहा कि किसी जनप्रतिनिधि ने क्षेत्र में उद्योग लगाने पर ध्यान नहीं दिया। गरीबों के राशन कार्ड कट गए, योजनाओं का लाभ भी नहीं मिला। राम कुमार बोले कि शिक्षा का स्तर बेहद खराब है, सुविधाएं, शिक्षक आदि स्टाफ नहीं हैं। बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना मजबूरी बन गई है। सरकार को स्कूलों पर ध्यान देना चाहिए।
कुलजिंदर सिंह ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र के दो बड़े मुद्दे उठाते हुए कहा कि भाई भतीजावाद पर टिकट दी जाती है, युवाओं को टिकट दिए जाएं तो स्थिति में सुधार हो। जलभराव से हर साल 400 से 500 एकड़ फसल खराब हो जाती है लेकिन जल निकासी पर ध्यान नहीं देता। भगवान दास ने कहा कि यहां से करनाल को सिर्फ एक बस सुबह आठ बजे जाती है, इसके बाद कोई बस नहीं है। बस पकड़ने के लिए मंजूरा गांव जाना पड़ता है। रिक्त पदों को भरा जाए तो युवाओं को नौकरी मिल सके, बच्चे विदेश न जाकर अपने परिवार में रह सकें। सुनील बाली ने कहा कि चुनाव जातिवाद के बजाय विकास पर होना चाहिए, जिससे समाज में सद्भाव के साथ क्षेत्र का विकास भी हो सके।
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