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करनाल। पिछले साल देश में गेहूं की रिकॉर्ड 1175 लाख टन (117.5 मिलियन टन) पैदावार हुई, जलवायु परिवर्तन के दौर में ये बड़ी उपलब्धि है, आगामी वर्ष में गेहूं की पैदावार का नया लक्ष्य 1190 लाख टन (119 मिलियन टन) का है। इसके लिए भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. रतन तिवारी ने कहा कि ये किसानों की अथक मेहनत से ही संभव हो पाया है। उन्होंने किसानों से गेहूं की समय से बिजाई 20 नवंबर तक पूरी करने की अपील की है।
उन्होंने बताया कि किसान पराली को जलाने की बजाय खेत में मिला दे क्योंकि शोध में ये बात सामने आई है कि पराली की राख खेत में लगाए गए खरपतवारनाशी छिड़काव को सोख लेती है, जिससे उसका लाभ नहीं मिल पाता है। निदेशक ने बताया कि पहले ही किसानों को सलाह दी जा चुकी है कि अगैती, समय से बुवाई व पिछैती किस्में कौन सी बोएं। बुवाई के बाद खेत पर निगाह अवश्य रखें, कहीं पीलापन आ रहा है या कोई अन्य समस्या आ रही है तो कृषि विज्ञान केंद्र, आईआईडब्ल्यूबीआर के वैज्ञानिकों से संपर्क कर सकते हैं। संस्थान के व्हाट्सअप से भी जुड़ सकते है, जिसमें वैज्ञानिक समस्या का समाधान कराएंगे। लवणीय भूमि में केआरएल 210, केआरएल 213, केआरएल 283 और लेट बुवाई के लिए जेकेडब्ल्यू 261, पीबीडब्ल्यू 771 और डब्ल्यूएच 11024 को बोया जा सकता है।
निदेशक ने बताया कि 320 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई होती है, इसी में हमें अपने तय लक्ष्य को प्राप्त करना है। उन्होंने बताया कि कई अन्य नई गेहूं की किस्में तैयार हो चुकी हैं, जिन्हें रिलीज होने के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है। रिलीज होने के बाद उनकी जानकारी दी जाएगी। निदेशक ने शोध कार्यों के लिए बोई जा रही विभिन्न किस्मों की बुवाई का निरीक्षण किया। यहां पर अगैती किस्में, जो उग आईं हैं, उन्हें भी देखा, जिनका जमाव काफी अच्छा हुआ है।
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Karnal News: गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार, इस साल का लक्ष्य 1190 लाख मीट्रिक टन


