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– सरकार ने पिछली फसल का आबियाना भी किया माफ, जिले के 13304 किसानों को मिलेगा लाभ
राकेश चौहान
करनाल। नहरी पानी के साथ खेती करने वाले किसानों को अब आबियाना यानी नहरी पानी का शुल्क नहीं देना पड़ेगा। जिले में ऐसे 13304 किसान हैं। जिन्हें इसका सीधा लाभ मिलेगा। यही किसान फसल उगाने के लिए नहरी पानी का प्रयोग करते हैं। नहरी पानी का यह शुल्क अंग्रेजों के समय में शुरू किया था। जिसे आबियाना कहा जाता है क्योंकि उस समय खेती करने के लिए किसान नहरी पानी पर ही निर्भर रहते थे।
उस समय नहरों, रजवाहों के क्षेत्र में ही खेती होती थी। अब खेतों में ट्यूबेल लगाए जा रहे हैं। ऐसे में अब सरकार ने पिछला बकाया आबियाना माफ कर दिया है और आगे का आबियाना हटा दिया है।
एक करोड़ 15 लाख के करीब हर वर्ष लिया जाता था आबियाना
जिले में चार बड़ी नहर पश्चिमी यमुना नहर, नरवाना ब्रांच, आवर्धन और एसवाईएल चैनल गुजर रही है। इन नहरों से करीब 60 रजबाहे भी निकले हुए हैं। इन रजबाहों के माध्यम से ही पानी को खेतों तक पहुंचाया जाता है। जिले में 26104 हेक्टेयर भूमि ऐसी है जहां पर नहरी पानी से सिंचाई की जाती है। इन क्षेत्र से सिंचाई विभाग को एक वर्ष में यानी रबी और खरीफ की फसल का करीब एक करोड़ 15 लाख का राजस्व आबियाना के रूप में एकत्रित होता है। वहीं इस बार सरकार ने पिछली फसल का करीब 45 लाख 67 हजार 832 रुपये का शुल्क माफ कर दिया है।
100 व 70 रुपये प्रति एकड़ देना पड़ता था शुल्क
नहरी पानी से सिंचाई करने वाले किसानों को खरीफ और रबी की फसल के अनुसार आबियाना देना पड़ता था। विभाग की ओर से खरीफ की फसल के लिए 100 रुपये और रबी की फसल के लिए 70 रुपये का आबियाना निर्धारित किया गया था। ऐसे में खरीफ की फसल का विभाग के पास करीब 70 लाख रुपये और रबी की फसल का करीब 45.5 लाख रुपये का राजस्व मिलता था।
नहरी पानी से खेत में सिंचाई करने के लिए किसानों को आबियाना देना पड़ता था। जिसे सरकार ने खत्म कर दिया और पिछली फसल का आबियाना माफ भी कर दिया है। जिससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा। यह आबियाना लंबे समय से था।
– रणवीर त्यागी, एक्सईएन सिंचाई विभाग, करनाल
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Karnal News: किसानों को अब नहीं देना होगा नहरी पानी शुल्क, मिली राहत