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आधी आबादी की राजनीति में नहीं पूरी भागीदारी
अब तक 87 महिलाएं पहुंचीं विधानसभा, 2014 में सर्वाधिक 13 जीतीं
– 1982 से कलानौर सीट पर महिलाओं का वर्चस्व, 1967 से अब तक 650 ने लड़ा चुनाव, 470 अपनी जमानत नहीं बचा पाईं
– 2014 में सर्वाधिक 116 महिलाएं उतरी थी मैदान में, पहले चुनाव में महज आठ ही बनीं थी प्रत्याशी, इनमें से आधी जीतीं
गगन तलवार
करनाल। कहने को सभी राजनीतिक पार्टियां महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का दावा करती हैं, लेकिन हकीकत में आज भी महिलाओं को राजनीति में अपेक्षाकृत भागीदारी नहीं मिली है। हरियाणा विधानसभा की बात करें तो वर्तमान में 90 सीटें हैं, लेकिन अब तक हुए 13 चुनावों में महज 87 महिलाओं को ही विधानसभा पहुंचने का सौभाग्य प्राप्त हो पाया है। इनमें सर्वाधिक 13 महिलाएं 2014 के चुनाव में जीतीं थीं, जबकि चार बार चार-चार महिलाएं जीतकर विस में पहुंचीं।
दरअसल, शुरुआत से ही राजनीतिक पार्टियों ने महिलाओं की आबादी के हिसाब से उन्हें टिकट नहीं दिया। दूसरी ओर चुनावी मैदान में उतरीं सभी महिलाओं को भी जनता ने स्वीकार नहीं किया। मजबूत पारिवारिक पृष्ठभूमि वाली महिलाएं ही चुनाव जीत पाई हैं। वहीं सीटों की स्थिति पर देखें तो कलानौर सीट पर महिलाओं का वर्चस्व रहा है। 1982 से अब तक आठ बार महिला उम्मीदवार यहां से चुनाव जीतकर विधानसभा गईं हैं।
ओवरऑल स्थिति देखें तो 1967 से अब तक 650 महिलाएं हरियाणा विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरीं, इनमें से 563 को हार का मुंह देखना पड़ा। इनमें से 470 की जमानत जब्त हुई। 2014 में सर्वाधिक 116 महिलाएं चुनावी मैदान में उतरीं थीं। महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के बाद भी 2019 में महज 108 महिलाओं ने चुनाव लड़ा, लेकिन इनमें से भी नौ ही जीत पाईं।
पहले चुनाव 1967 की बात करें तो उस समय आठ महिलाएं चुनावी मैदान में उतरीं, इनमें से चार को ही जीत मिली, जबकि चार को हार का सामना करना पड़ा, इनमें से भी दो की जमानत जब्त हो गई। अब 2024 के चुनाव में अभी पार्टियों ने टिकट नहीं दिए हैं, लेकिन प्रदेश में कई सीटों पर महिलाएं भी ताल ठोकते हुए विभिन्न पार्टियों से टिकट की मांग कर रही हैं। ब्यूरो
अब तक ये महिलाएं पहुंचीं विधानसभा
– 1967 : नग्गल से लखवती, इंद्री से प्रशन्नी देवी, कैथल से ओम प्रभा, रेवाड़ी से सुमित्रा देवी।
– 1968 : अंबाला से लखवती जैन, इंद्री से प्रशन्नी देवी, कैथल से ओम प्रभा, सलहावस से शकुंतला, बल्लभगढ़ से श्रद्धा रानी, रेवाड़ी से सुमित्रा देवी, लोहारू से चंद्रावती।
– 1972 : इंद्री से प्रशन्नी देवी, बल्लभगढ़ से श्ररुआ रानी, भद्रा से लज्जा रानी, लोहारू से चंद्रावती।
– 1977 : यमुनानगर से कमला देवी, अंबाला कैंट से सुषमा स्वराज, कैलाना से शांतिदेवी, बावल से शकुंतला।
– 1982 : करनाल से शांति देवी, नौलथा से प्रशन्नी देवी, हसनगढ़ से बनन्ती देवी, कलानौर से करतार देवी, बल्लभगढ़ से श्रद्धा रानी, बधारा से चंद्रावती, बावल से शकुंतला।
– 1987 : यमुनानगर से कमला वर्मा, अंबाला कैंट से सुषमा स्वराज, झज्जर से मेधावी, आदमपुर से जस्मादेवी, धरबाकलां से विद्या बैनीवाल।
– 1991 : इंद्री से जानकी देवी, कलानौर से करतार देवी, कैलाना से शांतिदेवी, लोहारू से चंद्रावती, डबवाली से संतोष चौहान, बावल से शकुंतला।
– 1996 : यमुनानगर से कमला वर्मा, कलानौर से करतार देवी, रोहत से कृष्णा गहलावत, धरबाकलां से विद्या देवी।
– 2000 : अंबाला शहर से वीना, कलानौर से सरिता, सलाहवस से अनिता, धरबाकलां से विद्या देवी।
– 2005 : यमुनानगर से कृष्णा पंडित, करनाल से सुमिता सिंह, जुंडला से मीना रानी, घरौंडा से रेखा राणा, असंध से राज रानी, नौलथा से प्रशन्नी देवी, कलानौर से करतार देवी, सलाहवस से अनिता, कलायत से गीता, बल्लभगढ़ से शारदा राठौर, बावल से शकुंतला।
– 2009 : करनाल से सुमिता सिंह, सोनीपत से कविता जैन, नारनौंद से सरोज, हिसार से सावित्री जिंदल, तोशाम से किरण चौधरी, कलानौर से शकुंतला, झज्जर से गीता, अटेली से अनिता यादव, बल्लभगढ़ से शारदा राठौर।
– 2014 : कालका से लतिका शर्मा, मुलाना से संतोष चौहान, पानीपत सिटी से रोहिता रेवड़ी, सोनीपत से कविता जैन, उचाना कलां से प्रेमलता, डबवाली से नैना चौटाला, हांसी से रेणूका बिश्नोई, तोशाम से किरण चौधरी, कलानौर से शकुंतला, झज्जर से गीता भुक्कल, अटेली से संतोष यादव, पटौदी से बिमला चौधरी, बड़खल से सीमा त्रिखा।
– 2019 : नारायणगढ़ से शैली, सढौरा से रेणू बाला, कलायत से कमलेश ढांडा, गन्नौर से निर्मल रानी, बाढ़ा से नैना सिंह, तौशाम से किरण चौधरी, कलानौर से शकुंतला, झज्जर से गीता भुक्कल, बड़खल से सीमा त्रिखा।
पांच बार चार-चार महिलाएं बनीं विधायक
वर्ष विधायक बनीं प्रतिशत
1967 04 4.93
1968 07 8.64
1971 04 4.93
1977 04 4.44
1982 07 7.77
1987 05 5.55
1991 06 6.66
1996 04 4.44
2000 04 4.44
2005 11 12.22
2009 09 9.99
2014 13 14.44
2019 09 9.99
सात चुनावों में सीटों से आधी ही महिला प्रत्याशी
वर्ष प्रत्याशी जमानत जब्त
1967 08 02
1968 12 03
1971 13 03
1977 20 11
1982 27 17
1987 35 26
1991 41 31
1996 93 84
2000 49 34
2005 60 41
2009 68 46
2014 116 86
2019 108 86
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Karnal News: आधी आबादी की राजनीति में नहीं पूरी भागीदारी