[ad_1]
गगन तलवार
करनाल। देश हो या प्रदेश सरकार चुनने में भले ही आधी आबादी मानी जाने वाली महिलाओं का पूरा योगदान रहा हो लेकिन हरियाणा विधानसभा पहुंचने में इनकी भागीदारी अधूरी हैं। जिले में 52 वर्ष में महज सात महिलाएं ही 10 बार विधायक बनीं। इस दौरान 13 चुनावों में खत्म हो चुकी जुंडला सीट समेत सभी छह विधानसभा क्षेत्रों से कुल 47 महिलाओं ने चुनाव लड़ा लेकिन जीत का सौभाग्य केवल सात को ही मिला।
जिले की पहली एवं लगातार तीन बार जीत का रिकॉर्ड इंद्री से विधायक रही प्रसन्नी देवी के नाम है। पहले चुनाव 1967 में इंद्री ही इकलौती सीट थी, जहां से कांग्रेस की टिकट पर प्रसन्नी ने चुनाव लड़ा और छह पुरुष प्रत्याशियों को धूल चटाई। उनका वर्चस्व ऐसा रहा कि 1968 और 72 का चुनाव भी यहीं से जीता। 1977 के चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद 2005 में वे नौलथा सीट से विधायक बनीं।
जिले में लगातार जीत के ग्राफ में दूसरे नंबर पर दो बार की विधायक सुमिता सिंह का नाम है, वे करनाल सीट से कांग्रेस की टिकट पर 2005 और 09 में जीती। 2014 में असंध से चुनाव लड़ाया और हार गई।
विधानसभा सीट अनुसार स्थिति देखें तो नीलोखेड़ी ही ऐसी सीट है, जहां से आज तक कोई महिला नहीं जीती। हालांकि दस महिलाओं ने यहां चुनाव लड़ा। 2005 में यहां से पहली बार लोकदल की कमला ने नामांकन किया था। विदित हो कि जिले की सभी छह सीटों पर कुल 72 विधायक चुने जा चुके हैं। इनमें 10 बार महिला और 62 बार पुरुष प्रत्याशियों को जीत मिली।
2005 में जिले की चार सीटों से महिला जीती
2005 में ही केवल ऐसा अवसर आया जब जिले की पांच में से चार सीटों पर महिलाएं विधायक बनीं। अब तक हुए कुल 13 चुनावों में छह चुनाव ऐसे भी आए, जिनमें महिला प्रत्याशी मैदान में तो उतरीं पर जीत दर्ज नहीं कर पाईं। इन चुनावों में कुल 24 महिलाओं ने ताल ठोकी। पिछले एक दशक यानी 2014 के चुनावों में आठ और 2019 में चार महिलाओं को हार का मुंह देखना पड़ा। इससे पहले 1996 में छह, 2000 में तीन, 1987 में दो और 1977 में एक महिला ने चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाई।
रोचक मुकाबले
कोई छोटे तो कोई बड़े अंतर से जीता
– महज 21 वोटों से जीती रेखा : घरौंडा सीट से एकमात्र महिला विधायक रेखा राणा के नाम पर जिले में सबसे छोटी जीत का रिकॉर्ड है। वे मात्र 21 वोट यानी 0.02 प्रतिशत के अंतर से जीती। इनेलो प्रत्याशी रेखा को 25237 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रहे आजाद प्रत्याशी पूर्व विधायक जयपाल शर्मा को 25216 वोट मिले।
– प्रथम विधायक प्रसन्नी का घटा ग्राफ : जिले की पहली विधायक प्रसन्नी देवी ने इंद्री सीट से लगातार तीन बार जीत दर्ज की, लेकिन उनका जीत का अंतर घटता गया। पहली बार वे 30.73 प्रतिशत के अंतर से जीती, दूसरी बार यह अंतर 9.03 प्रतिशत और तीसरी बार घटकर 2.55 प्रतिशत रह गया।
– 33 फीसदी वोट से तीन पर आईं सुमिता : करनाल की विधायक सुमिता सिंह को 2005 में अब तक सर्वाधिक 33.82 प्रतिशत वोटों के अंतर से जीती। जबकि 2009 के चुनाव में उनकी जीत का अंतर घटकर महज 3.68 प्रतिशत ही रह गया।
किस चुनाव में कौन महिला बनीं विधायक
विधानसभा क्षेत्र
: विधायक
इंद्री
: 1967, 68, 72 में प्रसन्नी देवी, 1991 में जानकी देवी
करनाल
: 1982 में शांति देवी, 2005 और 2009 में सुमिता सिंह
जुंडला
: 2005 में मीना रानी
घरौंडा
: 2005 में रेखा राणा
असंध
: 2005 में राज रानी
नीलोखेड़ी
: कोई नहीं
[ad_2]
Karnal News: आधी आबादी की अधूरी भागीदारी, 52 वर्ष में सात महिलाएं 10 बार बनीं विधायक