[ad_1]
जितेंद्र नरवाल
करनाल। डंकी के रास्ते स्वदेश छोड़ मैक्सिको की दीवार फांदकर अमेरिका के शरणार्थी कैंपों में रहने वाले करीब 1800 भारतीयों को अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के डिपोर्ट का डर सताने लगा है। अमेरिका ने इनकी सूची तैयार कर ली है। अब इनको वापस भारत भेजने की प्लानिंग की जा रही है। इनको भी पहले की तरह सेना के विमान या यात्री विमानों से डिपोर्ट किया जाएगा।
हालांकि अमेरिकी सीमा में बॉर्डर पर ही विश्व भर के हजारों प्रवासी कैंप में हैं।इनमें भारतीयों की संख्या करीब 1800 बताई जा रही है। हालात इतने असामान्य बताए जा रहे हैं कि अब अमेरिका की कोर्ट भी शरण देने वाले केसों को स्वीकार नहीं कर रही। अमेरिका में वैध वर्क परमिट या वीजा के सहारे रहने वाले भारतीय भी अब घबराए हुए हैं।
ये भी वे भारतीय हैं जिन पर शरण लेने का केस नहीं है, केस लगा नहीं या हालिया कुछ दिनों के भीतर दीवार को फांदा है। इनमें से कुछ स्वदेशी तो छह छह माह से कैंप में रह रहे हैं। ये वे लोग हैं जिन्होंने अमेरिका में जाने के लिए 45 से लेकर 75 लाख रुपये तक खर्च किए हैं। इसके लिए किसी ने जमीन बेची है तो किसी ने अपना घर। अब डिपोर्ट से ये और इनके परिजन काफी आहत हैं।
अब कभी भी अमेरिकी प्रशासन कैंप में रहने वाले भारतीयों को विमान के जरिए स्वदेश छोड़ सकता है। जिससे इनकी जीवन भर की जमा पूंजी को खत्म हो ही जाएगी साथ में अमेरिका में कानूनी तौर पर आने पर भी बैन लग सकता है। कैंप में उनका पूरा सामान और फोन तक जब्त करा लिए गए हैं।
दूसरी ओर अमेरिका में प्रवास के दौरान रहने वाले प्रदेश के लोगों ने चिंता जताते हुए इस वक्त देश के लोगों से डंकी के रास्ते अमेरिका में न आने की सलाह दी है। वे अपने दोस्तों व सहयोगियों से कैंप में छोड़े गए भारतीयों से बातचीत का प्रयास कर रहे हैं लेकिन अमेरिकी प्रशासन के डर से उनकी बातचीत भी संभव नहीं हो पा रही है।
हालात अब सामान्य नहीं : गौरव
अमेरिका में प्रवास के दौरान रहने वाले प्रदेश के लोगों से अमर उजाला टीम ने सोशल मीडिया और फोन पर बातचीत की। इसमें करनाल के गौरव बताते हैं कि अमेरिका में आने वाले भारतीयों के लिए हालात अब सामान्य नहीं हैं। यहां आने वालों को अब वर्क परमिट तक नहीं मिलता। ज्यादातर को वापस भेजने की तैयारी हो रही है।
डिपोर्ट करने की तैयारी : अजीत
करनाल के ही अजीत कुमार बताते हैं कि मैक्सिको बॉर्डर से दीवार फांदने के बाद कैंप में रहने वाले करीब 1800 भारतीयों की सूची अमेरिकी प्रशासन की ओर से तैयार की गई है। इनको डिपोर्ट करने की तैयारी हो रही है। कभी भी इनको वापस भेजा जा सकता है।
कोर्ट में याचिकाएं रद्द : अमित
पानीपत के अमित बताते हैं कि सबसे ज्यादा परेशानी उनको है जो फिलहाल दीवार फांद कर अमेरिका में शरण लेने आए हैं। इनको अब शरण देने के लिए कोर्ट में याचिकाएं भी रद्द की जा रही हैं। पानीपत के ही राजीव बताते हैं कि अब हालात असामान्य और चिंताजनक हैं। कभी भी भारतीयों से भरे अमेरिकी विमान देश में इनको डिपोर्ट करने के लिए उड़ान भर सकते हैं।
पीएम मोदी के दौरे से राहत की उम्मीद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे, उनकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ गर्मजोशी भरी मुलाकात से लोगों को उम्मीद बंधी है कि शायद अब उन्हें राहत मिल जाए। प्रवासी भारतीय अब अमेरिका के अगले कदम की प्रतीक्षा डर के साए में रहकर कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के परिणाम सकारात्मक होंगे।
[ad_2]
Karnal News: अमेरिकी सीमा पर फंसे 1800 भारतीयों को सता रहा डिपोर्ट का डर