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– नए कुष्ठ रोगियों का पंजीकरण और काउंसलिंग रुकी, नहीं मिल रही दवाएं
अनुज शर्मा
करनाल। एनएचएम की हड़ताल के कारण 16 दिनों से कुष्ठ रोगियों का इलाज प्रभावित है। ऐसे में जिले के कुष्ठ आश्रम में रहने वाले 53 कुष्ठ मरीजों का रोग बढ़ रहा है। दूसरी ओर कुष्ठ रोगियों को मिलने वाली सभी सेवाएं पूर्ण रूप से बंद हैं। जिस ओर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग का ध्यान नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग की कुष्ठ रोग विंग की ओर से कुष्ठ रोग से प्रभावित मरीजों को समय-समय पर एमसीआर जूते, सूती पट्टी, मलहम, नारियल तेल, स्व-देखभाल किट, विकृति निवारण और चिकित्सा पुनर्वास सेवाएं सहित विशेष शिविर लगाकर दवाइयां व सामान वितरित किए जाते हैं लेकिन 16 दिनों से एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
इस हड़ताल में कुष्ठ रोग विंग की पैरामेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं। ऐसे में नए कुष्ठ रोगियों का पंजीकरण और काउंसलिंग रुकी है। जिसके चलते मरीजों को दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसके अलावा निकुष्ठ पोर्टल पर पंजीकरण भी बंद है। वर्तमान में नागरिक अस्पताल के कुष्ठ रोग विंग में 24 मरीजों का इलाज चल रहा है। – संवाद
परिवारों को दी जाने वाली दवा भी बंद
जिला नागरिक अस्पताल व कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में त्वचा रोग विशेषज्ञ की ओर से भेजे गए सभी कुष्ठ रोगियों का दवा देने से पहले पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। जिसके बाद ही छह माह या एक साल तक उनके इलाज के लिए दवाएं दी जाती हैं। इसके साथ ही कुष्ठ रोगियों के परिवार व अन्य आस-पास चलने वाला संपर्क सर्वे भी 16 दिनों से बंद है। ऐसे में सर्वे के दौरान कुष्ठ रोगी के परिवार के प्रत्येक सदस्य को दी जाने वाली सिंगल डोज दवा नहीं दी जा रही है।
पीएचसी स्तर पर दवाओं की आपूर्ति बंद
स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीज के निवास क्षेत्र के पास सीएचसी व पीएचसी स्तर पर कुष्ठ रोग की दवाएं मुहैया कराई जाती हैं लेकिन हड़ताल से दवाओं की आपूर्ति बंद है। ऐसे में जिले की कई सीएचसी व पीएचसी पर दवाएं खत्म हो चुकी हैं। कुछ में खत्म होने वाली हैं। कुष्ठ रोग के ग्रेड-टू विकलांग श्रेणी के मरीज व गंभीर रिएक्शन से पीड़ित मरीजों का प्रत्येक 15 दिनों में हाल जानना और उनकी देखभाल का कार्य, फील्ड विजिट, मासिक व निरीक्षण रिपोर्ट, आशा कर्मियों, एमपीएचडब्ल्यू, सीएचओ व अन्य स्टाफ का प्रशिक्षण कार्य बंद है।
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Karnal News: हड़ताल से कुष्ठ रोगियों का बढ़ रहा मर्ज