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Karnal News: स्कूली शिक्षा मजबूत पर पीजी की पढ़ाई में कमजोर करनाल Latest Karnal News

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– सालाना औसतन 18 हजार विद्यार्थी करते हैं 12वीं, इनमें से 12930 को स्नातक और 2330 को ही पीजी में पढ़ाई का अवसर

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गगन तलवार

करनाल। सैनिक स्कूल, केंद्रीय विद्यालय व पीएमश्री और मॉडल स्कूलों के होने से करनाल में स्कूली शिक्षा तो मजबूत है लेकिन कॉलेज पहुंचने के बाद पीजी की पढ़ाई में जिला पीछे है। क्योंकि जितने विद्यार्थी हर साल 12वीं की पढ़ाई पूरी करके स्कूलों से निकलते हैं, उतने के लिए स्नातक की सीटें नहीं हैं और पीजी के मामले में तो हालात और खराब हैं, 12वीं के मुकाबले महज 12 प्रतिशत तक ही सीटें हैं।

नौ कॉलेजों में महज 2330 सीट ही पीजी की हैं। बड़ी बात यह भी है कि जनसंचार के अलावा पीजी का जिले में कोई व्यवसायिक कोर्स भी नहीं है। ऐसे में यहां एमए, एमकॉम और एमएससी जैसे पारंपरिक विषय की पढ़ाई करना ही मजबूरी है। इसमें भी सभी को दाखिला नहीं मिल पाता। ऐसे में व्यवसायिक कोर्स या कम अंक आने पर भी पीजी की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय या दूसरे जिलों का रुख करना पड़ता है।

शिक्षाविदों का मानना है कि आर्थिक रूप से व पढ़ाई में कमजोर होने के पर कई विद्यार्थी यूजी से आगे पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो हर वर्ष करनाल से औसतन 18 हजार विद्यार्थी 12वीं पास करके स्कूल की पढ़ाई पूरी करते हैं। इनमें से स्नातक की पढ़ाई के लिए जिले के 19 कॉलेजों में 12930 सीटें हैं। इससे आगे यानी पीजी की पढ़ाई के लिए महज नौ कॉलेजों में ही 17 डिग्री और पांच डिप्लोमा सहित कुल 22 कोर्स हैं। इनकी भी कुल 2330 सीट ही हैं। ऐसे में सभी विद्यार्थियों का पोस्ट ग्रेजुएट होने का सपना पूरा नहीं हो पाता। ब्यूरो

33.7 फीसदी सीटें केवल बेटियों की

नौ पीजी कॉलेजों में कुल 2330 सीट हैं। इनमें से 33.7 प्रतिशत यानी 785 सीटें कन्या महाविद्यालय में होने से केवल बेटियों के लिए आरक्षित हैं। जबकि को-एजूकेशन संस्थानों की शेष बची 1545 सीटों पर भी दाखिले के लिए लड़कियां आवेदन करती हैं। ऐसे में लड़कों के लिए पीजी की पढ़ाई के अवसर कम हैं। इसलिए ज्यादातर लड़कों को पीजी की पढ़ाई के लिए जिले से बाहर का रुख करना पड़ता है।

एमबीए-एमसीए जैसे 57 कोर्स करनाल में नहीं

करनाल के कॉलेजों में स्नातक के 28 कोर्स हैं। जबकि पीजी के महज 17 डिग्री और पांच डिप्लोमा कोर्स हैं। इनमें भी एमए, एमकॉम व एमएससी के महज छह विषय हैं। इसके अलावा एमबीए और एमसीए यानी कंप्यूटर एप्लीकेशन जैसे प्रमुख कोर्स की पढ़ाई करनाल में नहीं हो पाती। इन दोनों समेत उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा हरियाणा के कॉलेजों में जारी 57 कोर्स की कमी है। जिन्हें पढ़ने के लिए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय या दूसरे जिलों में जाना मजबूरी है।

– जनसंचार के अलावा नहीं जिले में नहीं कोई व्यवसायिक कोर्स

– महज 17 डिग्री और पांच पीजी डिप्लोमा कोर्स ही संचालित

– यूजी की तुलना में पीजी की हैं महज 18 प्रतिशत ही सीटें

– लड़कों को महज 1545 सीटों पर ही दाखिले का मौका

करनाल में नौ पीजी डिग्री कोर्स में 60 से कम हैं सीटें

कोर्स

सीटें

एमए अंग्रेजी

360

एमए हिंदी

150

एमए इतिहास

130

एमए अर्थशास्त्र

110

एमए पॉलिटिकल साइंस

60

एमए मनोविज्ञान

60

एमए जनसंचार

40

एमए संस्कृत

40

एमए पंजाबी

30

एमए म्यूजिक वोकल

15

एमकॉम

510

एमएससी गणित

210

एमएससी कंप्यूटर साइंस

140

एमएससी भूगोल

140

एमएससी कैमिस्ट्री

40

एमएससी बायोटेक

20

एमएससी फाॅरेंसिक साइंस

15

ये हैं पीजी डिप्लोमा

डिप्लोमा

सीटें

कंप्यूटर एप्लीकेशन

130

योग

60

गाइडेंस एंड फिजियोथैरेपी

30

साइबर सिक्योरिटी

20

होस्पिटेलिटी मैनेजमेंट

20

पीजी कोर्स में दाखिला प्रक्रिया चल रही है। ओपन काउंसलिंग के तहत दाखिले दिए जा रहे हैं। जिन विद्यार्थियों को अभी तक दाखिला नहीं मिला है, वे आवेदन कर सकते हैं। हमारे संस्थान में सर्वाधिक आठ पीजी कोर्स हैं। – डॉ. रेखा त्यागी, प्रिंसिपल, पंडित चिरंजीलाल शर्मा राजकीय पीजी कॉलेज।

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