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Karnal News: मियाद पूरी कर चुकीं तीन स्कूली बसें सीज Latest Karnal News

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माई सिटी रिपोर्टर

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करनाल/असंध। महेंद्रगढ़ में हुए स्कूल बस के हादसे को अभी लोग भूले नहीं है। इस हादसे के बाद हुई जांच के बाद सतर्क हुए स्कूल संचालक फिर लापरवाह हो गए हैं। ऐसा ही वाकया असंध से सामने आया है, जहां जांच टीम ने तीन ऐसी स्कूल बसों को पकड़ा है जो मियाद पूरी कर चुकी थीं।

ऐसी तीनों बसों को मौके पर ही सीज किया गया। असंध में एसडीएम की ओर से बनाई गई समिति ने शुक्रवार को कुल 33 स्कूली वाहनों की जांच की। इसमें कई वाहनों में खामियां पाई गई। सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत एसडीएम की अध्यक्षता में गठित समिति में डीएसपी सतीश कुमार, आरटीओ इंस्पेक्टर सुरेन्द्र सैनी व बीईओ बलजीत सिंह को शामिल किया गया।

जांच से पहले एसडीएम वीरेन्द्र सिंह ढुल ने समिति की अपने कार्यालय में बैठक ली और जरूरी दिशा-निर्देश दिए। एसडीएम ने कहा कि सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत सभी निजी स्कूल की बसों में निर्धारित सभी मानकों का होना बेहद जरूरी है। बच्चों की सुरक्षित यात्रा के संबंध में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पॉलिसी के तहत स्कूल संचालक सरकार द्वारा निर्धारित सभी मानकों की पालन करें। ताकि बच्चों को सुरक्षित वाहन की सुविधा मिले।

उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान यदि किसी स्कूल वाहन में सरकार द्वारा जारी हिदायतों की अनदेखी पाई गई तो उस स्कूल के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। प्राइवेट स्कूल वाहन मालिकों को निर्देश दिए कि वे हरियाणा सरकार द्वारा सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के नियमों का पालन अवश्य करें।

एसडीएम ने बताया कि बीईओ की रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के अंतर्गत बसों से संबंधित अभी तक 62 में से 45 स्कूलों ने शपथ पत्र जमा करवा दिए है। बाकी जिन्होंने जमा नहीं करवाएं, उन्हें भी जल्द से जल्द जमा करवाने के निर्देश दिए जा चुके है। यानी 17 स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने बसों की जांच करके दुरुस्त करना तो दूर बसें कितनी हैं और इनकी स्थिति क्या है, इसकी भी जानकारी विभाग को नहीं दी।

एसडीएम ने बताया कि सरकार की हिदायत अनुसार स्कूल बसों में एक सीसीटीवी कैमरा आगे एक पीछे होना चाहिए, जिनमें डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग टिल्ट जूम आदि की क्षमता हो। सीसीटीवी कैमरों की अच्छी रिकॉर्डिंग करने की क्षमता होनी चाहिए और इसमें 15 दिन की डीवीआर का रिकॉर्ड भी हो। स्कूली बसों में लड़कियां यात्रा करती है, तो उन बसों में महिला अटेंडेंट का होना अनिवार्य है। इसके अलावा चालक-परिचालक वर्दी में हों। शुक्रवार की जांच में कई वाहनों के चालक भी बिना वर्दी के मिले।

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