मुलाना। हेमा माजरा गांव में करीब 10 घर रोज भय के साये में जी रहे हैं। मारकंडा नदी भूमि कटाव कर उक्त घरों के नजदीक पहुंच गई है। इससे पीड़ित परिवार रात भी जाग कर काट रहे हैं। पीडितों के घर और मारकंडा नदी के बीच करीब 100 फीट की दूरी रह गई है जोकि पिछले साल करीब 2500 फीट थी।
पीडितों के अनुसार अगर भूमि कटाव इसी प्रकार जारी रहा तो कुछ समय बाद उनके घर मारकंडा नदी में समा जाएंगे। उन्होंने इस बारे विभाग को शिकायत सौंपी है, लेकिन एक साल से कोई कार्यवाही होती नहीं दिखाई दे रही है।
विभाग की लापरवाही
हेमामाजरा वासी करमजीत सिंह, सुखविंदर सिंह, जसविंदर ,बलजिंदर, अवतार सिंह, दयाला राम, ज्योति, मनजीत और शकुंतला आदि ने बताया कि पिछले साल आई बाढ़ में मारकंडा नदी में काफी भूमि कटाव हुआ था। इससे उनके घर और मारकंडा नदी की दूरी घट गई। तब उन्होंने विभाग को शिकायतें सौंपी थी ताकि मारकंडा नदी किनारे विभाग किसी प्रकार भूमि कटाव रोक सके और उनके घर बच सकें। लेकिन विभाग की तरफ से कुछ नहीं किया गया। 2023 में काफी भूमि कटाव हुआ। इसके बाद पिछले दिनों मारकंडा नदी में आए पानी से फिर भूमि कटाव शुरू हुआ जोकि कुछ ही दिनों कई फीट हुआ। मारकंडा नदी उनके घरों के नजदीक आने लगी। जिस प्रकार से पिछले दिनों से यहां पर भूमि कटाव हो रहा है, उससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ ही दिनों में उनका घर मारकंडा नदी में समा जाएगा। अगर पहाड़ों में ज्यादा बरसात हुई तो निश्चित तौर भूमि कटाव अधिक तेजी से होगा। पीड़ित परिवार ने विभाग से मारकंडा नदी का भूमि कटाव रोके जाने और उनके घरों को मारकंडा नदी में समा जाने से रोके जाने की मांग की है।
2022 में पानी से गिर गए थे घर
2022 में मारकंडा नदी का पानी ज्यादा आने के कारण उनके घरों तक मार हुई थी। इसमें दयाला राम और बलजिंदर के घर पानी की चपेट में आने के कारण गिर गए थे। मकान मालिक की मानें तो उन्हें कोई मुआवजा तक नहीं मिला। उनका कहना है कि हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। शिकायतें देने के बाद भी कई फीट तक भूमि कटाव हो गया है।
वर्जन
शिकायत मिली है। इस पर उच्च अधिकारियों से बात कर जल्द समाधान का प्रयास कराया जाएगा।
नितिश चंदेल, एसडीओ नहरी विभाग।
Karnal News: मारकंडा नदी में भूमि कटाव से घरों को खतरा