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– प्रदेश स्तरीय सिख सम्मेलन आठ सितंबर को, गुरबानी, कीर्तन के अलावा संतों का भी मिलेगा मार्गदर्शन
माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। हरियाणा के सिख अपने हक की आवाज बुलंद करने की मुहिम के तहत आठ सितंबर को कर्ण नगरी से हुंकार भरेंगे। हरियाणा सिख एकता दल के इस आयोजन में प्रदेश भर के सिख समाज के लोग धड़ेबंदी, पार्टीबाजी, जात-पात से ऊपर उठकर एकत्रित होंगे। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हाजिरी में होने जा रहे हरियाणा सिख सम्मेलन में क़ौम के रागी जत्थे ग़ुरबानी कीर्तन से संगत को जोड़ेंगे।
दल के प्रतिनिधि गुरतेज सिंह खालसा और अमृत सिंह बुग्गा सहित अन्यों ने बताया कि सम्मेलन में सिख धर्म के पांच सर्वोच्च तख्त साहिब के जत्थेदारों का मार्गदर्शन मिलेगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश के प्रमुख संत महापुरुषों को भी सम्मान सहित इस आयोजन में आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन में जहां हरियाणा के सिखों की मांगों के लिए समाज एकजुट होगा, वहीं श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने व साथ ही सिख समाज के मानव अधिकारों की रक्षा करते हुए सजा पूरी कर चुके बंदी सिंघों की रिहाई भी प्रमुख मांग रहेगी।
उनका कहना है कि 1966 में हरियाणा बनने से लेकर आज तक प्रदेश के सिख समाज को उनका हक नहीं मिला। उन्हें छोटे-छोटे मसलों में उलझा कर रखा गया व वोटों की राजनीति के चलते उन्हें बांटने के प्रयास किए। लेकिन अब प्रदेश का सिख समाज जागरूक हो रहा है व अपनी प्रधानगी या अन्य व्यक्तिगत लालचों के लिए उनके हितों का सौदा करने वाले नेताओं के कहने पर किसी पार्टी का साथ नहीं देगा बल्कि पूरे समाज के हित के बारे में बात करेगा। दल की कमेटी में शामिल कोई भी सदस्य स्वयं कोई चुनाव नहीं लड़ेगा व न ही कोई व्यक्तिगत लाभ लेगा।
ये हैं दल की मुख्य मांगें
. हरियाणा में 15-20 विधानसभा सीटों पर चुनाव में सिख उम्मीदवार उतारे जाएं।
. अगली लोकसभा में सिख समुदाय के दो प्रतिनिधियों को टिकट मिले व राज्य सभा में भी हरियाणा के सिख समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाए।
. पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा प्राप्त है लेकिन सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पंजाबी के टीचर नहीं हैं। पंजाबी टीचर भर्ती का रिजल्ट भी जाारी हो।
. पंजाबी साहित्य अकादमी को पहले की तरह स्वतंत्र प्रभार दिया जाए ताकि पंजाबी भाषा के विकास के कार्य हो सकें।
. सोशल मीडिया पर सिख धर्म, गुरु साहिबान, सिख कौम के बारे गलत प्रचार करने व सिखों को टारगेट बनाकर व गलत शब्द इस्तेमाल कर हमला करने पर सख्त कार्रवाई के लिए हर जिले में एसआईटी का गठन हो।
. परीक्षाओं में अमृतधारी बच्चों के ककार न उतरवाने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी हों।
. राज्य में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया जाए।
. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में हरियाणा के सिखों को प्रतिनिधित्व दिया जाए।
. सिख आबादी वाले सभी ज़िलों में सिख कम्युनिटी सेंटर बनाने के लिए सरकारी स्थान व अन्य जातियों को दी गई ग्रांट की तर्ज़ पर ग्रांट दी जाए।
. हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव अति शीघ्र करवाए जाएं।
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Karnal News: बेअदबी रोकने के लिए सख्त कानून की मांग उठाएगा सिख समाज