Kaithal News: महिला पंच की जगह प्रतिनिधियों को दिला दी शपथ


ढांड में दूसरे के नाम से शपथ लेता युवक।  संवाद

ढांड में दूसरे के नाम से शपथ लेता युवक। संवाद
– फोटो : Kaithal

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ढांड। छोटी सरकार के गठन से पहले शपथ ग्रहण समारोह में सरकार की ओर नियुक्त किए गए ग्राम संरक्षक अपनी भूमिका को सही ढंग से नहीं निभा पाए। इससे ग्रामीणों ने उसकी भूमिका पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। शनिवार को चंदलाना बंगले में नव नियुक्त सरपंच व पंचों के शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रबंध किए गए थे। वहां उन्हें शपथ दिलाई गई, लेकिन ग्राम संरक्षक को इस बात का जरा भी ख्याल नहीं आया कि महिला पंच की जगह हाथ में शपथ पत्र लेकर उसका पति या पारिवारिक सदस्य पढ़ रहा है।
दरअसल, चंदलाना में पांच महिला पंच चुनी गई हैं। इनमें से चार महिला पंच शपथ ग्रहण समारोह मेें पहुंची। सबसे पहले सरपंच ने शपथ ली। इसके बाद पुरुष पंचों ने शपथ ग्रहण की। जब महिला पंचों की बारी आई तो उनके स्थान पर पति या उसके पारिवारिक सदस्य ने शपथ ली जबकि सरकार की ओर से पहले से ही हिदायत दी गई थी कि चुनी गई महिला सदस्य ही अपने पद के प्रति शपथ लेने की हकदार है। उसके स्थान पर प्रतिनिधि या पारिवारिक सदस्य शपथ नहीं ले सकता। इसके लिए सरकार ने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई। इसके बावजूद महिला पंचों को शपथ से वंचित रखा गया। ग्रामीणों में इस बात की चर्चा रही कि ग्राम संरक्षक पहले दिन से ही अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से नहीं निभा रहा है तो भविष्य में उससे क्या उम्मीद की जा सकती है। वार्ड नंबर दो से निर्वाचित पंच के स्थान पर पहले उसके पिता व बाद में उसके भाई को शपथ दिलाई गई। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम संरक्षक ने शपथ ग्रहण समारोह की गरिमा का कोई ख्याल नहीं रखा।
जब इस संबंध ग्राम संरक्षक देवेंद्र राणा से बातचीत की गई तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें पंचों की लिस्ट उपलब्ध नहीं करवाई गई थी। इससे उसे यह पता नहीं चल पाया। बीडीपीओ के आदेश पर दोबारा कार्यक्रम करके महिला पंचों को शपथ दिलाई गई। उधर, जिला परिषद के सीईओ सुरेश राविश व बीडीपीओ ढांड ने कहा कि उनके संज्ञान मेें ऐसा कोई मामला नहीं आया है। अगर महिला पंचों की जगह उनके प्रतिनिधि ने शपथ ली है तो यह गलत है। इसके लिए बीडीपीओ ने ग्राम संरक्षक से बात की तो मामला सही निकला और उन्हें निर्देश दिए कि दोबारा से कार्यक्रम करके महिला पंचों को शपथ दिलाई जाए और उसकी वीडियोग्राफी करवाई जाए।

ढांड। छोटी सरकार के गठन से पहले शपथ ग्रहण समारोह में सरकार की ओर नियुक्त किए गए ग्राम संरक्षक अपनी भूमिका को सही ढंग से नहीं निभा पाए। इससे ग्रामीणों ने उसकी भूमिका पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। शनिवार को चंदलाना बंगले में नव नियुक्त सरपंच व पंचों के शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रबंध किए गए थे। वहां उन्हें शपथ दिलाई गई, लेकिन ग्राम संरक्षक को इस बात का जरा भी ख्याल नहीं आया कि महिला पंच की जगह हाथ में शपथ पत्र लेकर उसका पति या पारिवारिक सदस्य पढ़ रहा है।

दरअसल, चंदलाना में पांच महिला पंच चुनी गई हैं। इनमें से चार महिला पंच शपथ ग्रहण समारोह मेें पहुंची। सबसे पहले सरपंच ने शपथ ली। इसके बाद पुरुष पंचों ने शपथ ग्रहण की। जब महिला पंचों की बारी आई तो उनके स्थान पर पति या उसके पारिवारिक सदस्य ने शपथ ली जबकि सरकार की ओर से पहले से ही हिदायत दी गई थी कि चुनी गई महिला सदस्य ही अपने पद के प्रति शपथ लेने की हकदार है। उसके स्थान पर प्रतिनिधि या पारिवारिक सदस्य शपथ नहीं ले सकता। इसके लिए सरकार ने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई। इसके बावजूद महिला पंचों को शपथ से वंचित रखा गया। ग्रामीणों में इस बात की चर्चा रही कि ग्राम संरक्षक पहले दिन से ही अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से नहीं निभा रहा है तो भविष्य में उससे क्या उम्मीद की जा सकती है। वार्ड नंबर दो से निर्वाचित पंच के स्थान पर पहले उसके पिता व बाद में उसके भाई को शपथ दिलाई गई। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम संरक्षक ने शपथ ग्रहण समारोह की गरिमा का कोई ख्याल नहीं रखा।

जब इस संबंध ग्राम संरक्षक देवेंद्र राणा से बातचीत की गई तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें पंचों की लिस्ट उपलब्ध नहीं करवाई गई थी। इससे उसे यह पता नहीं चल पाया। बीडीपीओ के आदेश पर दोबारा कार्यक्रम करके महिला पंचों को शपथ दिलाई गई। उधर, जिला परिषद के सीईओ सुरेश राविश व बीडीपीओ ढांड ने कहा कि उनके संज्ञान मेें ऐसा कोई मामला नहीं आया है। अगर महिला पंचों की जगह उनके प्रतिनिधि ने शपथ ली है तो यह गलत है। इसके लिए बीडीपीओ ने ग्राम संरक्षक से बात की तो मामला सही निकला और उन्हें निर्देश दिए कि दोबारा से कार्यक्रम करके महिला पंचों को शपथ दिलाई जाए और उसकी वीडियोग्राफी करवाई जाए।

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