कलायत। गेहूं की फसल में मुआवजे और सरसों की सरकारी खरीद को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने कलायत मार्केट कमेटी के सामने प्रदर्शन किया। इससे पहले भाकियू कार्यकर्ताओं की बैठक जिलाध्यक्ष गुरनाम सिंह सहारण की अध्यक्षता में संपन्न हुई। मांग की कि सरकार सरसों की खरीद में नमी की मात्रा 12 प्रतिशत करे।
गुरुनाम सिंह ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से मौसम में बदलाव आने और बरसात व तेज हवाओं के कारण से गेहूं, सरसों व सब्जियों की फसल में भारी नुकसान हो गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पेशल गिरदावरी करवाए जाने की घोषणा भी की है जो की नाकाफी है। उन्होंने कहा कि सरकार तत्काल प्रभाव से सहायता राशि के रूप में किसानों के खातों में 50 हजार रुपये प्रति एकड़ डाले।
उन्होंने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा फसल पंजीकरण पोर्टल पर सरकार जानकारी अपलोड करने की बात तो करती है, यह पोर्टल अधिकांश समय बंद ही रहता है जिसे पूरा साल खुला रखा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मंडियों में नमी के नाम पर किसान की सरसों की फसल को लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल सरसों 6500 से लेकर सात हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिकी पर इस बार सरकार ने 5400 रुपये प्रति क्विंटल का रेट घोषित किया है।
आठ प्रतिशत नमी और तेल की मात्रा जैसे नियमों को लागू करके सरकार सरसों खरीदने से बच रही है। सरसों की फसल में नमी की मात्रा को 12 प्रतिशत किया जाए। किसान नेताओं ने कहा कि मांगों को लेकर सरकार को 29 मार्च तक का समय दिया जा रहा है। यदि 29 मार्च तक सरसों की खरीद व मुआवजा राशि संबंधित मांगों को पूरा नहीं किया गया तो बड़े आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।
इस अवसर पर गुरुनाम सिंह, जिले सिंह, सुरेंद्र चौशाला, प्रदीप कुराड़, पूर्व जिला प्रधान महेंद्र सिंह सहारण, मंगत, हवा सिंह, छोटा शिमला व बदन सिंह शिमला मौजूद रहे।
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