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ज्योति की दानिश से थी नजदीकी
डिजिटल फॉरेंसिक जांच में पता चला है कि वह पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई की छवि बनाने वाली योजना में एसेट थी। ज्योति की दानिश से नजदीकी थी। हालांकि पुलिस को बेहद संवेदनशील जानकारी के लीक होने के सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस ज्योति को मिलने वाले फंड के स्रोतों की भी जांच कर रही है।
डिजिटल सबूतों की गहराई से जांच करेगी पुलिस
ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल-लैपटॉप से 12 टेराबाइट (टीबी) डाटा रिकवर किया गया है। इसमें काफी वीडियो हैं। पुलिस पहले डिजिटल सबूतों की गहराई से जांच करेगी। इसमें कम से कम 10 दिन का समय लग सकता है। इसी को ध्यान में रखते पुलिस की तरफ से अदालत में सोमवार को रिमांड की मांग नहीं की गई।
ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल-लैपटॉप से करीब 12 टेराबाइट (टीबी) डाटा मिला है। इतना डाटा चैक करने में समय लगता है। फिलहाल इससे अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता। ज्योति के किसी आतंकवादी संगठन के संपर्क में होने के सबूत नहीं मिले हैं।– शशांक कुमार सावन, पुलिस अधीक्षक,हिसार
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