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Jind News: 50 पार के 70 प्रतिशत लोग गठिया के शिकार haryanacircle.com

Jind News: 50 पार के 70 प्रतिशत लोग गठिया के शिकार  haryanacircle.com

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11जेएनडी08 : नागरिक अस्पताल में मरीजों का उपचार करते हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेश मलिक। संवाद

जींद। हर वर्ष 12 अक्तूबर को विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है। गठिया कई प्रकार का होता है, लेकिन 50 साल की आयु के बाद यदि सावधानी नहीं बरती गई तो यह जकड़ सकता है। इस कारण जोड़ों में दर्द होने के साथ चलने-फिरने में भी परेशानी हो सकती है। गठिया पानी में फ्लोराइसीस की मात्रा अधिक होने से भी हो सकता है। विटामिन डी की कमी के कारण जोड़ों में दर्द से बचाव के लिए धूप में बैठना चाहिए।

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नागरिक अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संतलाल बैनीवाल ने बताया कि गठिया कई प्रकार का होता है। यदि जोड़ों व हड्डियों में दर्द है तो गठिया हो सकता है। जांच के बाद ही सही पता चल सकता है कि कि गठिता है कि नहीं। गठिया एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के जोड़ों को नुकसान पहुंचाती है। उम्र बढ़ने के साथ कुछ जोड़ स्वाभाविक रूप से कमजोर हो जाते हैं। बहुत से लोगों को उस सामान्य, आजीवन घिसावट के बाद गठिया हो जाता है। कुछ गठिया चोट लगने के बाद होते हैं। कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के कारण भी गठिया होता है। गठिया के कारण हाथ और कलाई, घुटने, कूल्हे, पैर-टखने, कंधे, पीठ के निचले हिस्से में कहीं भी दर्द हो सकता है। गठिया के 100 से ज्यादा प्रकार हैं। इनमें कुछ खास ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटी गठिया, गाउट, एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस, सोरियाटिक गठिया, किशोर गठिया हो सकते हैं। यह हड्डियों के जोड़ में प्राकृतिक ऊतक को नष्ट कर सकते हैं या सूजन पैदा कर सकते हैं।

लक्षण : जोड़ों में दर्द, अकड़न या गति कम होना, सूजन, त्वचा का रंग खराब होना, जोड़ के आसपास स्पर्श करने पर कोमलता या संवेदनशीलता, जोड़ों के पास गर्मी का अहसास होना।

कारण : उम्र बढ़ने के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस स्वाभाविक रूप से होता है। जीवनभर जोड़ों का उपयोग करने से उनकी उपास्थि की गद्दी कमजोर हो जाती है। यदि आपके रक्त में यूरिक एसिड बहुत अधिक है तो आपको गठिया हो सकता है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से आपके जोड़ों को नुकसान पहुंचाकर गठिया पैदा कर सकती है। जिन लोगों के जैविक परिवार के सदस्यों को गठिया है, उनमें इसके होने की संभावना अधिक होती है। जन्म के समय जो ज्यादा खेलता हो, जिनका काम शारीरिक रूप से कठिन होता है तो उनके जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है।

उपाय : गठिया का कोई इलाज नहीं है। सूजनरोधी दवा, सर्जरी, तंबाकू उत्पादों से परहेज, स्वस्थ आहार और व्यायाम, कठिन परिश्रम के कार्य में सुरक्षात्मक उपकरण पहनना, कैल्शियम की दवाई खाना, तेल मालिश करना, धीरे चलना, तैरना, साइकिल चलाना और योग करना जोड़ों को सहारा देने और शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने के बेहतरीन तरीके हैं।

11जेएनडी08 : नागरिक अस्पताल में मरीजों का उपचार करते हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेश मलिक। संवाद

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