{“_id”:”67a7b40c225c8b245f042b82″,”slug”:”worship-started-with-nine-girls-38-years-ago-now-reaches-11-thousand-jind-news-c-199-1-jnd1002-129689-2025-02-09″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jind News: 38 साल पहले नौ कन्याओं से शुरू हुआ पूजन, अब 11 हजार तक पहुंचा”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
08जेएनडी05-मां जयंती के दरबार में सवा लाख नवार्ण मंत्रों का जाप कर रहे कुरुक्षेत्र से आए हुए पं
जींद। गुप्त नवरात्रों में 38 साल पहले 9 कन्याओं से जो पूजन शुरू हुआ था, वह अब हजारों की तादाद में पहुंच गया है। जींद के महाभारत कालीन जयंती देवी मंदिर में देश-प्रदेश से श्रद्धालु कन्या पूजन के महासमागम में पहुंचकर अपनी अर्जी लगाते हैं। पिछले वर्ष जहां 11 से 13 हजार कन्याओं का पूजन हुआ था, वहीं इस वर्ष भी 11 हजार कन्याओं के पूजन का संकल्प लेकर जो श्रद्धालु निकले हैं, उसके नतीजन ज्यादा कन्याओं के महापूजन की तस्वीर उभरकर सामने आने लगी है।
Trending Videos
इस भव्य कार्यक्रम की व्यवस्था में जुटे प्रमुख श्रद्धालुओं के दावों के लिहाज से मां जयंती के दरबार में 11 फरवरी को करीब 13 हजार कन्याओं का पहुंचना लगभग तय है। कन्याओं को 128 स्कूलों से बस में लाने और वापस छुड़वाने की व्यवस्था को देख रहे सुनील शांडिल्य और सागर कौशिक ने कहा कि जिस तरह से सूची लंबी हो रही है, उसके नतीजन इस बार 13 हजार कन्याएं मंदिर परिसर मेें पहुंचकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देगी। मंदिर पुजारी नवीन कुमार शास्त्री ने बताया कि 11 फरवरी को गुप्त नवरात्रों के समापन और मां जयंती के प्रकटोत्सव पर पूर्णाहुति होगी। भव्य कार्यक्रम की व्यवस्था के लिए 500 श्रद्धालु स्वयंसेवक के तौर पर अपनी सेवाएं देंगे। मानव कल्याण के लिए गुप्त नवरात्रों के दिनों में 14 दिनों के दौरान चली पूजा अर्चना के महत्व को देखते हुए काफी संख्या मेंं लोग समापन समारोह में पहुंचते हैं।
समापन समारोह में जो भंडारा लगेगा, उसमें करीब 16 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली, कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा और कृष्ण बेदी सहित कई नेता, प्रशासनिक अधिकारी और संत समाज से जुड़े खास चेहरे शिरकत करेेंगे। 29 जनवरी से शुरू हुए दुर्गा सप्तशती 108 पाठ और सवा लाख नवार्ण मंत्रों का जाप कर रहे 51 पंडित कार्यक्रम को पूरी तरह से भक्ति रस से सरोबार किए हुए हैं।