जींद। जिले के रहे वाले 19522 किसानों ने धान अवशेष का प्रबंधन किया है। इन किसानों ने 1,73,056 एकड़ के धान के अवशेष का प्रबंधन किया है। अब सरकार की तरफ से इन किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रति एकड़ 1000-1000 हजार रुपये दिए जाएंगे।
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जिला कृषि उपनिदेशक ने इन किसानों को प्रोत्साहन राशि दिलवाने के लिए मुख्यालय से सूची मांगी है। अब इनको वेरिफाई करवाने का काम इसी महीने किया जाएगा। इस प्रोत्साहन राशि को लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन कर विभाग को जानकारी देनी थी। किसानों की तरफ से जानकारी उपलब्ध करवाने पर विभाग ने मौके पर जाकर इनका सत्यापन किया है। 30 नवंबर तक इसके लिए आवेदन हुए थे। जिले में इसके लिए 19522 किसानों ने निर्धारित समय में आवेदन किए। इन किसानों का 173056 एकड़ में धान के अवशेष का प्रबंधन करने का सत्यापन हुआ है। इन किसानों को प्रोत्साहन राशि दिलवाने के लिए यह रिपोर्ट विभाग के डीडीए की तरफ से मुख्यालय को भेजी जानी है। इसमें 16307 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने 142151 एकड़ में मशीन के धान के अवशेष की जुताई कर खेत में ही प्रबंधन किया है। इसके अलावा 3345 किसानों ने स्ट्रा या अन्य प्रबंधनों से 30905 एकड़ में प्रबंधन किया है। इस बार जिले में धान का अवशेष जलाने पर 258 किसानों की जमीन रेड मार्क की गई है।
पिछले साल के मुकाबले कम जले धान के अवशेष
जिले में पिछले साल के मुकाबले इस बार धान के अवशेष कम जले हैंं। पिछले साल 30 नवंबर तक की बात करें तो 335 मामले सामने आए थे। 337 एकड़ में धान के अवशेष जलाए गए थे। 273 किसानों के नाम सामने आए थे। उन पर कृषि विभाग ने छह लाख 40 हजार रुपये जुर्माना लगाया था। इस बार 160 मामले आए हैं। 85 किसानों पर एफआईआर दर्ज कर दो लाख 95 हजार जुर्माना वसूला गया है।
जिले में 173056 एकड़ में धान के अवशेष का प्रबंधन किसानों ने किया है। सरकार की योजना के तहत इन किसानों को प्रोत्साहन राशि दिलवाने के लिए मुख्यालय से सूची मांगी गई है। सूची मिलने के बाद इसको वेरिफाई करवाया जाएगा। इसके बाद किसानों को जल्द ही सरकार की योजना का लाभ मिलेगा। -डॉ. गिरीश नागपाल, उप निदेशक, कृषि विभाग, जींद।