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22जेएनडी04: शहीद नरेंद्र का फाइल फोटो।
जींद। सीआरपीएफ में सिपाही नरवाना रोड निवासी नरेंद्र कुमार (38) का जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से मौत हो गई। नरेंद्र कुमार शनिवार सुबह 9 बजे ड्यूटी पर तैनात थे तो उन्हें हार्ट अटैक आ गया। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई। रविवार को उनका पार्थिव शरीर जींद पहुंचा और दोपहर साढ़े 12 बजे पटियाला चौक के पास श्मशान घाट में सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गई।
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बड़े भाई बिजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि 12 साल पहले स्पोर्ट्स कोटे से नरेंद्र सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। नरेंद्र बास्केटबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी थे। उन्होंने राष्ट्रीय खेल में पांच स्वर्ण पदक जीतने के साथ स्टेट में छह साल तक चैंपियन रहे थे। नरेंद्र कुमार बास्केटबॉल खिलाड़ी के साथ पढ़ाई में भी अव्वल थे। उन्होंने पॉलिटेक्निक करने के अलावा इलेक्ट्रिकल मेें बीटेक की पढ़ाई की थी। नरेंद्र कुमार भर्ती होने के बाद बंगलूरू, श्रीनगर, पिंजौर, पिंजुखिया, गुवाहाटी, असम, छत्तीसगढ़, जम्मू तथा झारखंड में ड्यूटी देने के बाद उधमपुर में तैनात थे।
15 दिसंबर को ड्यूटी पर गए थे उधमपुर
नरेंद्र कुमार 15 दिन की छुट्टी लेकर 1 दिसंबर को घर आए हुए थे। 15 दिसंबर को ही वह ड्यूटी पर उधमपुर चले गए थे। नरेंद्र छह साल तक कोबरा कमांडो भी रहे थे। झारखंड और असम में कोबरा कमांडो के रूप में ड्यूटी दी थी। नरेंद्र ने नौ साल की उम्र में बास्केटबॉल खेलना शुरू कर दिया था। नरेंद्र का पांच साल का बेटा है। नरेंद्र की अंतिम विदाई के मौके पर सैकड़ों लोगों के अलावा सीआरपीएफ की टुकड़ी ने सलामी ली।