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23जेएनडी18-हमेटी में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण के समापन पर मौजूद मुख्यातिथि व अन्य।
– फोटो : घायल बच्ची।
जींद। हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (हमेटी) में विभिन्न जिलों से आए 40 किसानों का प्राकृतिक खेती पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हुआ। प्रशिक्षण पूरा करने पर हमेटी के उपनिदेशक डॉ. रणजीत सिंह सग्गू द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
हमेटी के निदेशक डॉ. कर्मचंद ने बताया कि इस वर्ष अभी तक 400 किसानों को हमेटी संस्थान की ओर से प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कृषि विभाग हरियाणा की ओर से विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों को भी प्राकृतिक खेती में अभी तक हुए शोध कार्यों से अवगत कराने व प्राकृतिक खेती की नई-नई तकनीकों की जानकारी देने के लिए फरवरी में प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे। महिलाओं को भी रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों के भोजन में बचे हुए अवशेषों सेे शरीर में होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देने के लिए महिला किसानों को भी हमेटी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षक डॉ. सुभाष चंद्र ने कहा कि कि रसायन मुक्त उत्पादों की टेस्टिंग के लिए हरियाणा सरकार ने जांच प्रयोगशाला शुरू करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्दी ही इस प्रयोगशाला की करनाल के एग्रो मॉल में शुरू होने की संभावना है, जहां से किसान अपने उत्पादों में रसायनों के अवशेषों की जांच करवा सकेंगे। रसायन मुक्त उत्पादों का प्रमाणीकरण किसानों को अपने उत्पाद अच्छे मूल्य पर बेचने में मदद करता है। महेंद्रगढ़ के किसान सुमित कुमार व रावलवास (हिसार) के किसान कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके खेतों में प्राकृतिक तरीके से पैदा किया जा रहे अनाज, फल व सब्जियों को उपभोक्ता फॉर्म से ही खरीद कर ले जाते हैं। उनकी बंसी गोल्ड व सी-306 किस्म की गेहूं की इतनी मांग रहती है कि वह इसे पूरा भी नहीं कर पाते।
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