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लिपिक वर्ग की तीन दिन चल रही हड़ताल को 20 अगस्त तक बढ़ा दिया है। अब लिपिक वर्ग केवल कार्य वाले दिनों में ही धरने पर बैठेगा। बुधवार को धरने पर लिपिकों ने यह निर्णय लिया।
धरने पर 20 अगस्त को लिपिक एकजुट होकर निर्णायक फैसला लेंगे। यदि आमरण अनशन पर भी बैठना पड़ा तो जिला जींद आमरण अनशन के लिए भी तत्पर हैं। हर हाल में लिपिक वर्ग अपनी मांगों को पूर्ण करवाकर ही कार्यालयों में लौटेंगे और 35400 बेसिक पे लेकर ही दम लेंगे। वहीं दूसरी तरफ तहसील कार्यालय और ई-दिशा केंद्र में हड़ताल से काम प्रभावित हो गया, जिसके कारण लोगों को परेशानी हुई। लोगों को मैरिज रजिस्टेशन, रजिस्ट्री, प्रमाणपत्र समेत अन्य ई-दिशा केंद्र के कार्यों को बनवाने में परेशानी आई। लोग अपने कार्य करवाने के लिए इंतजार करते रहे। इसके अलावा रजिस्ट्रियों पर भी असर दिखाई दिया। बुधवार को बारिश आने के कारण लिपिकों को परेशानी हुई।
धरनास्थल पर बरसाती पानी भर गया, जिससे लिपिकों को वहां बिछाए गद्दों को उठाना पड़ा। दोपहर बाद लिपिकों ने धरने से सामान समेट लिया और फिर सभी अपने-अपने घरों की ओर लौट गए। अब वे 16 अगस्त को धरने पर पहुंचेंगे। जिला प्रधान राजपाल दूहन कहा कि उन्हें पहले 19700 रुपये वेतन के रूप में मिल रहे थे। सरकार ने फरवरी 2024 में उनके वेतन में दो हजार रुपये की बढ़ोतरी करते हुए 21700 रुपये कर दिया। अब उनकी मांग है कि उनका बेसिक वेतन 35400 किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि उनकी मांग पूरी नहीं होने पर भाजपा सरकार का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर विपक्ष को समर्थन दिया जाएगा। इस तरह लोकसभा चुनाव में कर्मचारियों ने भाजपा के खिलाफ वोटिंग की। अब विधानसभा चुनाव में भी सह परिवार और रिश्तेदार सरकार के खिलाफ वोटिंग करेंगे। हड़ताल में जिला उपप्रधान सुरेश फौजी, जिला सचिव योगेंद्र खटकड़, संजय फौजी, चरण सिंह, सुमित, माया देवी, विनिता पटवा और रिंकू मौजूद रहे।
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Jind News: लिपिकों की हड़ताल से तहसील और ई-दिशा केंद्र के काम प्रभावित