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12जेएनडी23-लघु सचिवालय के बाहर बैठे लिपिक। संवाद
जींद। लिपिक वर्ग की राज्यव्यापी हड़ताल से तहसील और ई-दिशा केंद्र का काम प्रभावित हो गया, जिसके कारण लोगों को परेशानी हुई। लोगों को मेरिज रजिस्टेशन, रजिस्ट्री, प्रमाण पत्र समेत अन्य ई-दिशा केंद्र के कार्यों को बनवाने में परेशानी आई। जींद तहसील में शाम पांच बजे तक 48 रजिस्ट्री हुई जबकि आम दिनों में 60-70 के लगभग रजिस्ट्री हो जाती थी। हड़ताल के कारण लोगों को आगे भी परेशान होना पड़ेगा। लिपिकों ने फिलहाल तीन दिन हड़ताल पर चले जाने का फैसला लिया हुआ है और वह सरकार से 35400 बेसिक वेतन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सरकार को भी चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे हड़ताल को अनिश्चितकालीन कर देंगे।
सोमवार को जिलाभर के लिपिक लघु सचिवालय के सामने एकत्रित हुए। उन्होंने टैंट के नीचे हड़ताल शुरू की। जिला प्रधान राजपाल दूहन ने कहा कि हड़ताल को लेकर लिपिक वर्ग में पूरा उत्साह है। अन्य कर्मचारी संगठनों ने भी हडताल के पंडाल में आकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि उन्हें पहले 19700 रुपये वेतन के रूप में मिल रहे थे। सरकार ने फरवरी 2024 में उनके वेतन में दो हजार रुपये की बढ़ोतरी करते हुए 21700 रुपये कर दिया। अब उनकी मांग है कि उनका बेसिक वेतन 35400 किया जाए। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा सरकार का पूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे और विपक्ष को समर्थन दिया जाएगा। जिस तरह लोकसभा चुनाव में कर्मचारियों ने भाजपा के खिलाफ वोटिंग की। अब विधानसभा चुनाव में भी सह परिवार और रिश्तेदार सरकार के खिलाफ वोटिंग करेंगे। लिपिकों की हड़ताल से जो लोगों को परेशानी आ रही है, उनकी जिम्मेदार भी सरकार है। अभी उन्होंने हड़ताल तीन दिनों की रखी है। यदि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो हड़ताल को अनिश्चितकालीन कर दिया जाएगा। हड़ताल में जिला उपप्रधान सुरेश फौजी, जिला सचिव योगेंद्र खटकड़, संजय फौजी, चरण सिंह, सुमित, मोनू यादव, रवी सैनी, सुनील दत, सुमन, मुकेश, सुशीला, माया देवी, विनिता पटवा और रिंकू मौजूद रहे।
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Jind News: लिपिकों की हड़ताल से अटके लोगों के काम