[ad_1]
नरवाना। पुरानी अनाज मंडी में श्री रामा भारतीय कला केंद्र की ओर से रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। दसवें दिन लक्ष्मण मूर्छा तक का मंचन किया गया। इसमें दिखाया गया कि किस तरह मेघनाद से युद्ध के दौरान लक्ष्मण ब्रह्मा शक्ति लगने पर मूर्छित हो जाते हैं और राम दल विलाप करने लगता है। रामलीला के शुभारंभ में भगवान की आरती की गई। छोटे बच्चों ने अलग से बेहतरीन प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि समाजसेवी अश्वनी रिंकू बडनपुर व गौरव मोनू बडनपुर रहे। कला केंद्र के प्रधान भारत भूषण गर्ग व कलाकारों ने उनको सम्मानित किया।
रामलीला मंच के पहले दृश्य में दिखाया गया कि राम दल हनुमान की प्रतीक्षा करता है। उसके बाद हनुमान वहां पहुंच जाते हैं और सीता सुधि व लंका के बारे में पूरी जानकारी देते हैं। वहीं रावण अपने भाई विभीषण को लंका से निकाल देता है। विभीषण भी लंका छोड़कर राम दल में शामिल हो जाता है। भगवान राम विभीषण का तिलक कर ताज पहनाकर लंका का भावी राजा घोषित करते हैं। राम नल-नील को समुद्र पर पुल बनाने के आदेश देते हैं। उससे पहले विभीषण की सलाह पर अंगद को लंका में दूत बनाकर भेज दिया जाता है। अंगद जैसे ही लंका में पहुंचते हैं तो उनका सामना रावण के पुत्र नागा से होता है। अंगद युद्ध में नागा का वध कर देते हैं। फिर अंगद को रावण के सामने दरबार में पेश किया जाता है। अंगद वहां अपना पैर जमा देते हैं, जिसके बाद रावण दरबार से कोई भी उनका पैर टस से मस नहीं कर पाता है।
वहीं दूसरी ओर भगवान राम द्वारा पहले दिन की युद्ध की कमान लक्ष्मण को सौंप दी जाती है। उधर, रावण युद्ध की कमान मेघनाद को सौंप देता है। लक्ष्मण और मेघनाथ में युद्ध होता है, जिसमें लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। लक्ष्मण को मूर्छा से बाहर लाने के लिए हनुमान संजीवनी लेकर आते हैं। उसके बाद लक्ष्मण को होश आ जाता है। रामलीला के मंचन में राम की भूमिका अमन वर्मा, लक्ष्मण की भूमिका रामप्रकाश, हनुमान की प्रेम अरोड़ा, रावण की नरेंद्र कुकरेजा, मेघनाथ की शैलेंद्र मोहन गर्ग ने निभाई।
इस अवसर पर प्रधान भारत भूषण गर्ग, रामकुमार गर्ग, वेद अरोड़ा, सत्यवान गोस्वामी, संजय रोहिल्ला, श्याम लाल धीमान संजय रोहिल्ला, जोगिंद्र शर्मा, जयभगवान धीमान, अनंत सिंगला, शंकर वधवा, मुकेश सिंगला, असीम राणा व विनोद चितारा मौजूद रहे।
[ad_2]