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जींद। निगम बिजली की चोरी रोकने की मुखबिर योजना कारगर साबित हो रही है। इस योजना के शुरू होने के बाद उपभोक्ता बिजली चोरी करने से कतराने लगे हैं । वर्ष 2022 से अब तक मुखबिर योजना के तहत 499 उपभोक्ताओं को बिजली चोरी करते हुए पकड़ा गया है। इनमें से निगम ने 461 उपभोक्ताओं पर जुर्माना भी लगाया है। इनमें से 113 उपभोक्ता से जुर्माना वसूला गया है। इन उपभोक्ताओं से कुल 5 लाख 60 हजार रुपये वसूले जा चुके हैं। बिजली निगम के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा चोरी की वारदात जींद डिविजन में हो रही थी।
बिजली निगम ने वर्ष 2022 में बिजली चोरी पकड़ने के लिए मुखबिर योजना शुरू की थी। इसमें बिजली चोरी की मुखबिरी करने वालों के लिए उक्त विद्युत चोरी पर वसूले जाने वाले शमन शुल्क की धनराशि का 10 प्रतिशत हिस्सा दिया जाता है। 5 लाख या उससे अधिक रुपये का शमन शुल्क वसूले जाने की स्थिति में मुखबिर को पचास हजार रुपये तक दिया जाएगा। इस मुखबिरी योजना में निगम अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया है। योजना के तहत बिजली चोरी की जानकारी देने वालों की जानकारी गोपनीयता रखी जाएगी।
जिले में हर माह सैकड़ों उपभोक्ता बिजली चोरी कर अनियमित रूप से बिजली इस्तेमाल करते हैं। इससे बिजली निगम को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान होता है, लेकिन अब बिजली चोरी करना किसी के लिए आसान नहीं हो सकेगा। बिजली चोरी की जानकारी पड़ोसी या किसी भी अन्य व्यक्ति को है, तो वह उसकी मुखबिरी टेलीफोन, ई-मेल, एसएमएस या आईटी की किसी भी प्रणाली के माध्यम से निगम को दे सकता है। बिजली चोरी की सूचना देने वाले का नाम और पता पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा।
वर्ष 2022 से अब तक आए 499 मामले
जींद डिविजन में अब तक बिजली चोरी के कुल 260 मामले आए हैं। इन पर 1303800 रुपये जुर्माना लगाया गया है। इनमें से 55 उपभोक्ताओं से 2 लाख 43 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया है। इसके अलावा नरवाना डिविजन में 196 उपभोक्ता बिजली चोरी करते हुए पकड़े गए हैं। बिजली निगम ने इन पर 860661 रुपये जुर्माना लगाया है। इसके बाद 51 बिजली उपभोक्ताओं से 2 लाख 41 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया। सफीदों डिविजन में चोरी के अब तक 43 मामले पकड़े गए हैं। इन पर निगम ने 2 लाख 98 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। इसके बाद 7 उपभोक्ताओं से 78 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया है।
बिजली चोरी रोकने के लिए निगम ने मुखबिर और प्रोत्साहन योजना शुरू की हुई है। इसमें मुखबिरों की सूचना पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जाएगी। यदि बिजली चोरी की सूचना सही पाई जाती है, तो वसूले गए शमन शुल्क में से दस प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाती है। -हरिदत्त, अधीक्षण अभियंता, बिजली निगम, जींद।
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