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24जेएनडी10: प्राचीन भूतेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हुए श्रद्धालु। संवाद – फोटो : संवाद
जींद। शहर के सफीदों गेट स्थित भूतेश्वर मंदिर है जो कि भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर का निर्माण जींद के तत्कालीन महाराजा रघुबीर सिंह ने वर्ष 1857 में बनवाया था।
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प्राचीन भूतेश्वर महादेव मंदिर की किंवदंती यह है कि जब मुगलों की ओर से देश पर आक्रमण किया गया था और हिंदुओं के धार्मिक स्थलों को तहस-नहस किया जा रहा था, तब भूतेश्वर मंदिर पर भी मुगलों ने आक्रमण किया था। महादेव की स्व प्रकट पिंडी पर मुगल सेना ने आक्रमण कर यहां स्थापित पवित्र शिवलिंग को काटने की कोशिश की। मुगल सेना शिवलिंग को जितना काटती, यह जमीन से उतना ही बाहर निकल आता। इस तरह का चमत्कार देख मुगल सेना यहां से भाग खड़ी हुई थी और तब से इसकी मान्यता लगातार बढ़ती आ रही है। बुधवार को महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में यहां पर महादेव का जलाभिषेक और महाआरती होगी।
शिवलिंग पर जल अर्पित करने की विधि
मंदिर के पुजारी मुकेश शांडिल्य ने बताया कि भगवान शिव का जलाभिषेक करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है। सबसे पहले, शिवलिंग पर जल अर्पण करने के लिए गंगाजल, शुद्ध जल या गोदुग्ध का उपयोग करना श्रेष्ठ माना जाता है। शिव को तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाएं। धतूरा और गन्ने का रस शिव को अर्पित करें, इससे जीवन में सुख बढ़ता है। जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं, इससे मन की अशांति दूर होती जल चढ़ाते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करना चाहिए और इसे बैठकर या झुककर करना शुभ माना जाता है। भगवान शिव की पूजा करते समय शिवलिंग की परिक्रमा करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। परिक्रमा हमेशा बाईं ओर से की जाए और केवल आधी परिक्रमा तक ही सीमित हो। शिवलिंग की जलहरी को पार नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। जलाभिषेक के लिए शुभ मुहूर्त 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे से आरंभ होकर 27 फरवरी सुबह 8:54 बजे तक रहेगा।
मंदिर कमेटी के प्रधान राजपाल सैनी ने बताया कि फाल्गुन महीने की महाशिवरात्रि व श्रावण महीने की शिवरात्रि को यहां पर महादेव का जलाभिषेक होता है और मेला लगता है। पुराणों में वर्णित शहर के चार तीर्थों में से यह एक है। हजारों साल पुराने इस मंदिर में विशेष बात यह है कि इसमें पवित्र शिवलिंग किसी व्यक्ति विशेष की ओर से स्थापित नहीं किया गया है, बल्कि स्वत: ही प्रकट है। ऐसी मान्यता है कि यहां जो व्यक्ति बिना रुकावट के 40 दिन तक दीया जलाता है तो उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।
24जेएनडी10: प्राचीन भूतेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हुए श्रद्धालु। संवाद– फोटो : संवाद
24जेएनडी10: प्राचीन भूतेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हुए श्रद्धालु। संवाद– फोटो : संवाद