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खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसान नेता। संवाद
जींद। छह दिसंबर को किसानों के दिल्ली कूच को लेकर नरवाना और उझाना में की गई बैरिकेडिंग से जिले के हालात पूरी तरह से बदल गए थे। किसानों को रोकने के लिए दोनों जगह पर वाटर कैनन की गाड़ियां, पत्थर की बैरिकेडिंग पर कंटीले तारों की घेराबंदी की गई थी, मगर अब इनको हटा दिया गया है। इसके अलावा दातासिंह वाला बॉर्डर से पुलिस फोर्स को कम कर दिया गया। नरवाना और उझाना में बैरिकेडिंग होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
जिले में आंदोलन को लेकर कोई किसान संगठन एक्टिव नहीं है। इसके कारण खनौरी बॉर्डर पर जिले का कोई किसान संगठन नहीं पहुंचा है। छह दिसंबर को प्रशासन को डर था कि जिले के किसान इस आंदोलन में शामिल न हो सकते हैं। अब जिले के किसानों की मंशा को भांपते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने नरवाना और उझाना से बैरिकेडिंग को हटार आमजन के लिए रास्ता खोल दिया है। दातासिंहवाला बॉर्डर पर तैनात किए गए पुलिस व अर्धसैनिक बल को कम कर दिया है। वहां पर अब कम संख्या में फोर्स बची है। किसान नेता डल्लेवाल से संबंधित पंडेर ग्रुप जिले में ज्यादा एक्टिव नहीं होने के कारण यहां पर हालात सामान्य रहे।
इस आंदोलन से संयुक्त किसान मोर्चा दूरी बनाए हुए है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जोगेंद्र नैन ने बताया कि सांसदों के आवास पर एक दिवसीय धरने पर उनका संगठन नहीं बैठेगा। इसके अलावा पंडेर ग्रुप के सदस्यों का यह फैसला है। बॉर्डर पर अब आरएएफ के जवान ही तैनात हैं। यह जवान पंजाब की तरफ से आने वाले किसानों को रोकने के लिए लगाए हुए हैं।
खनौरी बॉर्डर पर चलता रहेगा धरना
खनौरी बॉर्डर पर किसानों का धरना शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। धरने पर बैठे किसानों ने बताया शंभू बॉर्डर से ही किसान दिल्ली कूच करेंगे। उनका धरना व आमरण अनशन खनौरी बॉर्डर पर चलेगा। उनके अलावा अन्य किसान ही सांसदों के आवास पर धरना देंगे। खनौरी बॉर्डर पर किसान धरने को शांतिपूर्ण तरीके से चलाएंगे।
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