{“_id”:”67913b6636a68185bc0a7dd7″,”slug”:”district-council-meeting-postponed-citing-dc-going-on-leave-jind-news-c-199-1-sroh1009-128794-2025-01-23″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jind News: जिला परिषद की बैठक स्थगित, डीसी के छुट्टी पर जाने का दिया हवाला”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
22जेएनडी07: जिला परिषद चेयरपर्सन अविश्वास प्रस्ताव की बैठक से पहले पहुंची डीआरडीए। संवाद
जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान को लेकर होने वाली बैठक दिसंबर के बाद जनवरी माह में दूसरी बार स्थगित हो गई। इसका कारण दोनों बार डीसी का छुट्टी पर जाना है। बैठक का लगातार दो बार स्थगित होना जिला परिषद चेयरपर्सन की मजबूती को दिखा रहा है। बैठक में निर्धारित समय से पहले चेयरपर्सन पहुंच गई थी, लेकिन न तो विरोधी खेमे से कोई पार्षद आया और न ही प्रशासनिक अधिकारी। इसके बाद डीसी मोहम्मद इमरान रजा के छुट्टी पर जाने का पत्र जारी कर बैठक स्थगित कर दी।
Trending Videos
जिला परिषद की चेयरपर्सन की कुर्सी को लेकर दो दिसबंर को उपप्रधान सतीश हथवाला समेत 18 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव शपथ पत्र के साथ डीसी मोहम्मद इमरान रजा को सौंपा था। इसके बाद सभी पार्षद भाजपा के एक स्थानीय नेता के साथ चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री से मिलकर आए। उसके बाद डीसी ने चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 13 दिसंबर को बैठक बुलाई। इस बैठक में भी जिला परिषद चेयरपर्सन निर्धारित समय से पहले पहुंच गए थे, लेकिन बैठक से आधा घंटा पहले डीसी के छुट्टी पर होने का पत्र जारी कर बैठक को स्थगित किया गया। इसके बाद दूसरी बार डीसी ने जिला परिषद चेयरपर्सन के अविश्वास प्रस्ताव पर 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे डीआरडीए के कान्फ्रेंस हाल में बैठक बुलाई थी। बैठक में निर्धारित समय तक विरोधी खेमे से कोई भी पार्षद नहीं पहुंचा और निर्धारित समय पर ही डीसी के छुट्टी पर होने का हवाला देकर आगामी आदेशों तक बैठक को स्थगित करने का पत्र जारी किया गया। जिला परिषद की चेयरपर्सन मनीषा रंधावा ने कहा कि बैठक स्थगित होने का मुख्य कारण अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले गुट के पास जिला पार्षदों का जरूरी बहुमत न होना है। उनके पास अविश्वास प्रस्ताव को गिराने के लिए जरूरी संख्या के पार्षद हैं।
बाक्स
दो साल में तीन राजनीतिक दलों का किया सफर
जिला परिषद चेयरपर्सन ने जजपा के सत्ता में रहते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के सहयोग से बनी थी। इसके बाद चुनाव नजदीक आने पर चेयरपर्सन ने कांग्रेस में आस्था जताई और कांग्रेस के झंडे के साथ विधानसभा चुनाव में जुलाना से विधायक बनी विनेश फोगाट के लिए काम किया। इसके बाद जब कांग्रेस की सत्ता नहीं आई तो भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली से मिलकर पार्टी में शामिल हुए। बाद में सीएम नायब सिंह सैनी, मंत्री महीपाल ढांडा व कृष्ण बेदी से भी मिलने के फोटो वायरल हुए। इसके बाद जींद भाजपा के जिलाध्यक्ष में चेयरपर्सन के पार्टी में शामिल होने की बात को नकार दिया था।
बाक्स
भाजपा समर्थक पार्षद लाए थे अविश्वास प्रस्ताव
चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में भाजपा समर्थक पार्षदों का रोल है। जिस समय अविश्वास प्रस्ताव डीसी को दिया उस दौरान उनके पास चेयरपर्सन को गिराने के लिए बहुमत पर्याप्त था। इसके बाद चेयरपर्सन पक्ष ने विरोधी खेमे के कई पार्षदों को तोड़ लिया। इसके कारण अब लगातार दो बार बैठक स्थगित हो चुकी है।
बाक्स
चेयरपर्सन का दावा उनके पास पूर्ण बहुमत
चेयरपर्सन मनीषा रंधावा ने कहा कि उनके पास कुर्सी बचाने के लिए पार्षदों की संख्या जरूरत के अनुसार है विरोधी खेमे पर पार्षद पूरे नहीं होने के कारण बैठक स्थगित करवाई जा रही है। खुद उन्होंने डीसी से मिलकर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए जल्द बैठक बुलाने की मांग की थी, ताकि जिले में विकास कार्य करवाए जा सकें।
बाक्स
बैठक स्थगित होने के बाद विरोधी खेमे से उपप्रधान पहुंचा
अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली बैठक स्थगित होने के बाद विरोधी खेमे से जिला पार्षद एवं उपप्रधान सतीश हथवाला जिला परिषद में चेयरपर्सन के कार्यालय में पहुंचे और वहां पर मजाकिया लहजे में चेयरपर्सन प्रतिनिधि से हाथ मिलाया।
बाक्स
चेयरपर्सन को पद से हटाने के लिए विरोधी गुट को 25 में से 17 पार्षदों का बहुमत चाहिए। वहीं, चेयरपर्सन को कुर्सी बचाने के लिए खुद सहित नौ जिला पार्षदों के बहुमत की जरूरत है। चेयरपर्सन का दावा है कि उनके पास फिलहाल 13 पार्षदों का साथ है।