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22जेएनडी01-सफीदों रोड पर रात को डेरा डाले हुए गोवंश। संवाद
जींद। शहर और गांव के लिंक मार्गों से लेकर नेशनल हाईवे पर बेसहारा गोवंश ने डेरा डाल लिया है। रात के समय गोवंश वाहन चालकों के लिए खतरा बन जाते हैं। सूरज ढलते ही बेसहारा गोवंश मक्खी और मच्छरों से बचने के लिए कच्ची जगह से सड़कों पर आ जाते हैं। वहीं प्रशासन की ओर से किए गए प्रबंध भी ठोस समाधान के लिए पुख्ता नहीं हैं, जोकि यह भी एक बेहद चिंता का विषय है।
शहर में एसपी निवास, लघु सचिवालय के बाहर, राजकीय कॉलेज, रानी तालाब, देवीलाल चौक, रोहतक रोड, पटियाला चौक, सफीदों रोड, परशुराम चौक, सैनी रामलीला ग्राउंड के पास इनका कब्जा है। जिले में 25 से ज्यादा गोशाला हैं। इनमें से अधिकतर केवल दिखावे के लिए हैं। वहां पर नाममात्र के गोवंश हैं, जबकि जिले की सड़कों पर 1200 से ज्यादा गोवंश घूम रहे हैं। शहर के हर वार्ड में कम से कम 30 से 40 गायें हैं जो पूरा दिन इधर-उधर भटकती रहती हैं। सड़क पर बैठे गोवंश को बचाने के प्रयास में हादसा होने का डर रहता है। यह समस्या गंभीर रूप ले चुकी है, लेकिन राहत दिलाने की तरफ किसी का ध्यान नहीं है।नगर परिषद के अनुसार गोशालाएं अभी गोवंश को नहीं ले रही हैं। जल्द ही संचालकों की बैठक बुलाकर गोवंश को गोशालाओं में छोड़ा जाएगा।
सड़कों पर घूम रहा नंदीशाला का टैग लगा गोवंश
शहर की सड़कों पर टैग लगे काफी गोवंश घूमते नजर आ रहे हैं। जब ठेकेदार ने गोवंश को नंदीशाला में छोड़ा था तो उन पर टैग लगाया गया था और पेंट से निशान भी बनाए गए थे, ताकि उन्हीं पशुओं को बार-बार नंदीशाला में छोड़ने के पैसे नहीं देने पड़े, लेकिन अब ये गोवंश नंदीशाला से बाहर घूम रहे हैं। यह सब नंदीशाला संचालकों की लापरवाही से हो रहा है, क्योंकि नंदीशाला के कर्मचारी जान-बूझकर गोवंश को खुले में छोड़ देते हैं। वहीं कुछ लोग अपने पालतू पशु को भी दिन के समय खुला छोड़ देते हैं। सुबह-शाम दूध निकालने के समय बांध लेते हैं। ऐसे लोगों पर भी प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।
गोवंश से गंवा चुके हैं लोग जान
वर्ष 2022 में एक महिला चिकित्सक की गाड़ी गोवंश से टकरा गई थी। हादसे में वह बच गई थी।
वर्ष 2021 में काब्रच्छा निवासी संदीप नरवाना रोड पर वाहनों की लाइट लगने से सांड के साथ टकरा कर गंभीर रूप से घायल हो गया था।
फरवरी 2021 में जाट धर्मशाला के पास दो सांड़ भिड़ गए थे। इससे बाइक सवार हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी राजेंद्र और उनकी पत्नी घायल हो गईं थी।
अप्रैल 2020 में बस अड्डे के सामने बाइक के आगे सांड़ आने से छात्तर गांव के दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
अप्रैल 2020 में जुलाना के वार्ड-3 निवासी 85 वर्षीय फूलपति और 95 वर्षीय हवा सिंह पर सांड़ ने हमला क दिया था। इसमें दोनों की मौत हो गई थी।
अप्रैल 2020 में ही बाईपास पर बाइक के आगे गाय के आने से अहिरका निवासी मनोज और राहुल की मौत हो गई थी।
किनाना के पास गोवंश के कारण हुए सड़क हादसे में वकील कमल की मौत हो गई थी।
जाट संस्था के उपप्रधान रण सिंह की मौत भी गोवंश की चपेट में आने से हुई थी।
वर्ष 2020 में दालमवाला गांव के पास सांड़ से बाइक के टकराने से युवक की मौत हो गई थी। दो घायल हो गए थे।
गोशाला संचालकों ने गोवंश को लेने से मना कर दिया है। जल्द ही उनके साथ बैठक की जाएगी। इसके बाद गोवंशों को गोशालाओं में छोड़ा जाएगा। -अनिल नैन, सीएसआई, नगर परिषद, जींद।

22जेएनडी01-सफीदों रोड पर रात को डेरा डाले हुए गोवंश। संवाद

22जेएनडी01-सफीदों रोड पर रात को डेरा डाले हुए गोवंश। संवाद
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Jind News: जरा संभलकर चलें…. रात में सड़क पर गोवंशों का डेरा, हादसे का डर


