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14जेएनडी21: नगूरां पीएचसी का भवन। संवाद
अलेवा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) नगूरां पर महिला वार्ड सर्वेंट की स्थाई नियुक्ति होने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की मेहरबानी से उसको सीएचसी अलेवा पर डिपूट करने के चलते एक स्टाफ नर्स डिलिवरी करवाने में सफल तो हो रही है। लेकिन एक स्टाफ नर्स के सहारे हुई डिलीवरी जच्चा व बच्चे की जान जोखिम में डाल रही है।
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हालांकि कहने को पीएचसी में डिलीवरी हट के लिए चार स्टाफ नर्स व एक महिला सर्वेंट की स्थाई नियुक्ति है। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से एक स्टाफ नर्स सीएचसी कंडेला तो दूसरी महिला वार्ड सर्वेंट सीएचसी अलेवा पर डयूटी कर रही है। इसके कारण एक स्टाफ नर्स के सहारे हुई डिलीवरी से कभी भी बच्चा तथा जच्चा को दिक्कत आ सकती है।
नगूरां और आसपास गांव के अमरजीत, चरण सिंह, मनोज, राजकुमार, कुलबीर, सचिन ने बताया कि पंचायत के काफी प्रयासों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नगूरां पीएचसी पर डिलीवरी हट को चालू तो कर दिया। स्टाफ के मामले में बार-बार अधिकारी पीएचसी पर स्थाई रूप से नियुक्त कर्मियों को डिपूट कर दूसरे केंद्रों पर भेजकर पीएचसी स्थित डिलीवरी हट को बंद करने पर तुले हुए हैं। मामले को लेकर गांव की पंचायत ने उचाना के विधायक और स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया। लेकिन पीएचसी में स्टाफ के मामले में किसी प्रकार का सुधार नहीं होने के कारण नगूरां व आसपास गांव के लोगों को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। कहने को तो सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग गर्भवतियों के प्रसव को लेकर आए दिन व्याख्यान कर रही है। नगूरां पीएचसी के मामले को लेकर हकीकत कोसों दूर हैं।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले की गंभीरता को देखते हुए डेपूटेशन पर कुछ कर्मियों को नगूरां पीएचसी पर भेजने की बात कर तो रहे हैं। लेकिन कर्मचारी अधिकारियों के आदेशों को मानने तक तैयार नहीं है। इसके कारण पीएचसी नगूरां का डिलीवरी हट बिना कर्मियों और अधिकारियों की मायूसी के चलते नाम का ही डिलीवरी हट साबित होकर रह गया है।
वर्जन
पीएचसी नगूरां पर करीब तीन महीने से कोई महिला वार्ड सर्वेंट नहीं होने के कारण एक स्टाफ नर्स को डिलीवरी करवानी पड़ रही है। इसके लिए कई बार विभाग उच्चाधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से अवगत करवा चुके हैं। नियुक्ति उच्चाधिकारियों को ही करनी है। पीएचसी में महिला वार्ड सर्वेंट की स्थाई नियुक्ति होने के बावजूद भी तीन माह से पद खाली है। इससे डिलीवरी बाधित होनी स्वाभाविक है।