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12जेएनडी15: जिला परिषद सीईओ हंगामे के बाद गाड़ी से उतरकर वापस बैठक में जाती हुई। संवाद
जींद। जिला परिषद की ग्रांट वितरण की बैठक सोमवार को पार्षदों के हंगामे के बाद शुरू हुई। इस बैठक में जिला परिषद की चेयरपर्सन के पक्ष में 18 पार्षद निर्धारित समय पर पहुंच गए थे। इसके बावजूद जिला परिषद की सीईओ डॉ. किरण सिंह बैठक में न जाकर कहीं दूसरी बैठक में जाने के लिए निकलने लगीं। इस पर पार्षदों ने उनका रास्ता रोककर हंगामा कर दिया। उनकी गाड़ी को निकलने नहीं दिया। पार्षदों का हंगामा बढ़ता देखकर सीईओ गाड़ी से उतरकर बैठक में पहुंचीं। इसके बाद करीब पौने सात करोड़ की ग्रांट का वितरण किया गया।
जिला परिषद में ग्रांट वितरण के लिए लगभग डेढ़ माह से पार्षदों को लेकर उठापटक चल रही थी। इसके चलते जिला परिषद की चार बैठक रद्द हो चुकी थी। तीन बैठकों में पार्षद पूरे नहीं पहुंचे थे, तो चौथी बैठक 30 जुलाई को होनी थी। इसमें सभी पार्षद पहुंच गए थे, लेकिन जिला परिषद की सीईओ ने प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर बैठक को रद्द कर दिया था। इसके बाद सोमवार को यह बैठक निर्धारित की गई। इसमें छह ब्लॉक समिति के चेयरमैन व 12 जिला परिषद के सदस्य निर्धारित समय पर 11 बजे डीआरडीए हॉल में पहुंच गए थे। इस दौरान सीईओ डॉ. किरण बैठक में नहीं आईं, तो पार्षदों को संदेह हुआ। जब सीईओ कार्यालय से निकलकर गाड़ी में बैठकर जाने लगीं, तो पार्षदों ने उनको देख लिया और बैठक करवाने की बात कही। इस पर सीईओ ने किसी कार्य के चलते बैठक में बाद में आने की बात कही। इस पर पार्षदों ने हंगामा कर दिया और गाड़ी को आगे व पीछे से घेर लिया। काफी समय तक यही ड्रामा चलता रहा। इस दौरान सीईओ के गनमैन ने पार्षदों को गाड़ी के आगे से हटाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। हंगामा ज्यादा बढ़ता देख सीईओ गाड़ी से उतरकर पार्षदों के साथ बैठक में पहुंच गईं। इसके बाद पार्षदों की हाजिरी लेकर ग्रांट का वितरण किया गया।
पार्षदों ने हाथ उठाकर दिया चेयरपर्सन को ग्रांट वितरण का अधिकार
बैठक में सीईओ जिला परिषद ने ग्रांट वितरण के अधिकार की बात पार्षदों से पूछी। इसमें सभी पार्षदों ने ग्रांट वितरण के अधिकार को चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को हाथ उठाकर दिया। जिसके बाद बैठक में जनसंवाद व पंचायतों के माध्यम से जिला परिषद से कार्य के लिए ग्रांट मांगने का प्रस्ताव रखा गया। इस प्रस्ताव का सभी पार्षदों ने विरोध किया। पंचायतों की तरफ से ग्राम पंचायत बुढ़ाखेड़ा में ओपन जीम व उझाना में लगाए गए पौधों में पानी देने के लिए टैंकरों की मांग की गई थी। इसके लिए पार्षदों ने खुद कार्य करने की बात कही। इसके अलावा कार्यालय में जरूरत के सामान के लिए बजट देने की पार्षदों ने सहमति जताई। यह बैठक को लगभग आठ मिनट में पूरी कर ग्रांट बांट दी गई।
एसएफसी व एफएफसी के तहत आई राशि का हुआ वितरण
स्टेट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एसएफसी) व फारटीन फाइनेंस कमीशन
(एफएफसी) के तहत आई राशि का वितरण किया गया। इसमें 4.3 करोड़ रुपये एसएफसी के तहत, तो एफएफसी के तहत 2.71 करोड़ रुपये की राशि बांटी गई। इस राशि से जिला परिषद के कार्यों के बनवाए गए एस्टीमेट के आधार पर बैठक में मौजूद रहे पार्षदों को बांटा जाएगा।
गांवों के विकास को मिलेगी गति
जिला परिषद की ग्रांट वितरण की बैठक में लगभग पौने सात करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई। इस बैठक में वह पार्षद पहुंचे जिनको गांवों के विकास की लगन थी। जो पार्षद गांवों व अपने वार्डों का विकास नहीं करवाना चाहते, उन्होंने बैठक से दूरी बनाई। पहले रद्द हुई बैठकों का कारण भी पार्षदों की महत्वाकांक्षाएं ही रहीं। इनको अपने वार्ड के विकास से कोई लेना-देना नहीं। अब इस राशि से गांवों का विकास किया जाएगा। -मनीषा रंधावा, जिला परिषद, चेयरपर्सन, जींद।
12जेएनडी15: जिला परिषद सीईओ हंगामे के बाद गाड़ी से उतरकर वापस बैठक में जाती हुई। संवाद
12जेएनडी15: जिला परिषद सीईओ हंगामे के बाद गाड़ी से उतरकर वापस बैठक में जाती हुई। संवाद
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Jind News: ग्रांट वितरण की जगह बाहर जा रहीं सीईओ को रोक पार्षदों ने किया हंगामा