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14जेएनडी11: नवीन शास्त्री। संवाद
जींद। खरमास में शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 15 दिसंबर से इस खरमास की शुरूआत हो रही है। यह 14 जनवरी तक एक महीने तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे।
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ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहों के राजा हैं। वह पिता पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए उनके तेज का कम होना मांगलिक कार्यों के सही नहीं माना जाता है। इसी वजह से खरमास के दौरान शादी, विवाह और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। इसके कारण इस अवधि में किसी भी तरह के शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
खरमास में भगवान सूर्य देव और विष्णु की पूजा सर्वोत्तम मानी गई है। इस दौरान नियमित रूप से तुलसी माता को जल चढ़ाना चाहिए। खरमास में शाम के समय घर के मंदिर में रोजाना दीया जलाना चाहिए। खरमास में अपनी क्षमता अनुसार गरीब और जरूरतमंदों को अन्न का दान करना चाहिए। खरमास में विवाह, यज्ञ, गृह प्रवेश, मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा आदि शुभ कार्यों पर रोक रहेगी। इस दौरान नया घर या वाहन आदि खरीदना भी शुभ नहीं माना जाता है। पूरा एक महीना खरमास रहेगा। नव वर्ष 2025 में सूर्य देवता 14 जनवरी को धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो मकर संक्रांति पड़ेगी, तभी शुभ कार्यों की शुरूआत होगी। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर खरमास का समापन होगा। इसके बाद 15 जनवरी को मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे। विवाह व शुभ कार्यों के लिए 14 जनवरी से 22 जनवरी तक चार मुहूर्त रहेंगे। जो 16, 18, 21 और 22 जनवरी को हैं। इन दिनों में गृह प्रवेश, मंदिरों में देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त, यज्ञ, मुंडन संस्कार, गृह आरंभ मुहूर्त आदि हैं।
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2025 में 8 माह में 75 शुभ मुहूर्त : नवीन शास्त्री
जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बतााय कि सीजन में शहनाई का आखिरी मुहूर्त 14 दिसंबर को रहा। उसके बाद खरमास शुरू हो जाएगा। जो एक माह तक चलेगा। इस बीच कोई भी शुभ काम नहीं होगा। उसके बाद विवाह का मुहूर्त मकर संक्रांति के अगले दिन 15 जनवरी से शुरू होंगे। अगले साल आठ माह में 75 दिन शुभ मुहूर्त मिलेंगे। 6 जुलाई 2025 को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ होगा। इस कारण जुलाई से अक्टूबर तक विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। मुहूर्त एक नवंबर को देव उठनी एकादशी पर रहेगा, परंतु इसके बाद विवाह मुहूर्त सीधे 21 नवंबर से शुरू होंगे। अगले साल फरवरी में सर्वाधिक 17 दिन विवाह के मुहूर्त हैं। वहीं मार्च में सात, अप्रैल में सात, मई में 14 दिन, जून में 9 दिन शुभ मुहूर्त हैं। उसके बाद 4 जुलाई को भड़ली नवमी पर गुरु व शुक्र ग्रह के अस्त रहने की वजह से विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा। उसके बाद नवंबर में फिर शादी के मुहूर्त शुरू होंगे। खरीद-फरोख्त के लिए 20 और 21 नवंबर को पुष्य नक्षत्र योग का शुभ संयोग रहेगा। उसके बाद नवंबर में 7, दिसंबर में 4 दिन शादियों का मुहूर्त रहेगा।