संवाद न्यूज एजेंसी, जींद
Updated Sun, 29 Jan 2023 12:49 AM IST
जींद। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के पढ़ाई के स्तर को बढ़ाने के लिए विद्यालय शिक्षा निदेशालय एफएलएन (फाउंडेशनल लिट्रेसी एंड न्यूमरेसी) यानि आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता के तहत पढ़ाई शुरू कराई गई है। इसमें विद्यार्थियों के पठन-लेखन के साथ उच्चारण भी विद्यार्थियों में ज्ञान का स्तर तय करेगा। इसके तहत पहली बार बच्चे वार्षिक परीक्षा में बैठेंगे, जिसके लिए वह इन दिनों घर पर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। विद्यार्थियों के आकलन के लिए विद्यालय शिक्षा निदेशालय की ओर शेड्यूल भी जारी कर दिया है।
इस प्रणाली का उदे्श्य नौ साल तक के छात्रों का समग्र विकास करना है। इसे दो भागों में बांटा गया है। पहला मूलभूत भाषाई ज्ञान और दूसरा मूलभूत संख्या ज्ञान है। इसमें छात्रों की समझ के साथ पढ़ने और बुनियादी गणितीय संक्रियाओं को करने की क्षमता के बारे में बताया जाएगा। प्राथमिक कक्षाओं के लिए भाषा के मुख्य क्षेत्र और योग्यताएं मौखिक भाषा विकास, ध्वनि जागरूकता, पढ़कर समझना लेखन और डिकोडिंग जरूरी है। इसी प्रकार संख्या ज्ञान के लिए संख्याओं की पहचान, स्थानीय मान की समझ, तीन अंकों के जोड़ घटा, आकार और पैटर्न की समझ, लंबाई, ऊंचाई और वजन की अवधारणाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। दरअसल पहले विद्यार्थी सिर्फ पास होने के लिए रट्टा लगाते थे। इसकी वजह से वह परीक्षा में पास तो हो जाते थेए मगर उसका बौद्धिक स्तर विकसित नहीं हो पाता था। ऐसे में विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने एफ एलएन की शुरुआत की हैए जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इसमें चार दिन पढ़ाई करवाई जाती है और पांचवें दिन विद्यार्थी के स्तर का आकलन होगा। पहली से तीसरी कक्षा के छात्रों का मौखिक व लिखित दोनों तरह से विकास हो रहा है।
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